Updated: Fri, 12 Sep 2025 09:08 PM (IST)
किशनगंज में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं का दल-बदल शुरू हो गया है। तीन पूर्व विधायकों ने पार्टियाँ बदली हैं उन्हें टिकट मिलने की उम्मीद है। मुजाहिद आलम राजद में शामिल हुए कमरूल होदा कांग्रेस में शामिल हुए और गोपाल कुमार अग्रवाल ने जदयू में वापसी की है। इन नेताओं के इस फैसले से कुछ मौजूदा विधायकों को भी परेशानी हो सकती है।
अमरेंद्र कांत, किशनगंज। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं के दल बदल का खेल शुरू हुआ है। हाल के दिनों में तीन पूर्व विधायक ने अपनी पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी का दामन थाम लिया। दूसरे दलों में शामिल होने वाले इन पूर्व विधायक को टिकट मिलने की भी लालसा है। इन नेताओं के दल बदलने से कुछ वर्तमान विधायक को भी परेशानी हो सकती है।
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कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से दो बार जदयू के टिकट पर विधायक बन चुके मुजाहिद आलम गत माह सुंदरबाड़ी में राजद नेता तेजस्वी यादव की सभा में राजद का दामन थाम लिया। वर्ष 2014 के विधानसभा उपचुनाव में जदयू के टिकट पर मैदान में उतरे मुजाहिद आलम ने जीत हासिल की थी।
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू उम्मीदवार के तौर पर इन्होंने एआईएमआईएम के अख्तरूल इमाम को हराया था। लेकिन 2020 के चुनाव में इन्हें एआईएमआईएम के इजहार असफी ने करीब 40 हजार मतों से हरा दिया था। जिसके बाद वो लोकसभा चुनाव की टिकट के लिए भी दावेदारी दी थी।
वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आवाज मुखर करने वाले मुजाहिद आलम अब जदयू छोड़कर राजद में शामिल हो गए। उनका कहना है कि हाल के दिनाें में बदली परिस्थितियों के कारण नीतीश कुमार से 15 वर्षों का रिश्ता तोड़ना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि कोचाधामन सीट पर वर्तमान में राजद के विधायक हैं, जबकि टिकट के ये भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसी तरह एआईएमआईएम के टिकट पर वर्ष 2019 में हुए उपचुनाव में किशनगंज सदर सीट से कमरूल होदा विधायक बने थे, लेकिन वर्ष 2020 में एआईएमआईएम के टिकट पर मैदान में उतरे परंतु तीसरे नंबर पर रहना पड़ा।
जिसके बाद इन्होंने राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली। राजद ने इन्हें पार्टी का जिलाध्यक्ष बना दिया। परंतु, गत दिन इन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए राजद जिलाध्यक्ष पद समेत राजद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही दो सितंबर को ये पटना में कांग्रेस में शामिल हो गए।
इन्हें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार एवं कांग्रेस नेता शकील अहमद खां ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। किशनगंज सदर के कांग्रेस विधायक इजहारूल हुसैन भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि किशनगंज सदर सीट कांग्रेस के पास है। अब टिकट के यहां से दो दावेदार सामने आ गये।
पू र्व विधायक ने बताया कि पार्टी चाहेगी तो चुनाव मैदान में भी उतरेंगे। इसी तरह ठाकुरगंज से सपा के टिकट पर वर्ष 2005 में विधायक बन चुके गोपाल कुमार अग्रवाल भी हाल के दिनों में जदयू की फिर से सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष 2020 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र से उतरे थे और दूसरे नंबर पर रहना पड़ा था।
राजद के सउद आलम ने करीब 23 हजार मतों से हरा दिया था। वैसे, सपा से विधायक बनने के बाद गोपाल कुमार अग्रवाल ने जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष 2010 के चुनाव में जदयू उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे थे। परंतु लोजपा के नौशाद आलम से साढ़े छह हजार मतों से हार गये थे।
इसी बीच नौशाद आलम के जदयू में शामिल होने के बाद वर्ष 2015 के चुनाव में बतौर लोजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा, परंतु फिर से जदयू के नौशाद आलम से हार गये थे। इन्होंने फिर से जदयू का दामन थाम लिया है। संभावना है कि अगर ठाकुरगंज विधानसभा की सीट जदयू के खाते में जाती है तो यहां से टिकट के प्रबल दावेदार होंगे।
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