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    Bihar Election: अब चलेगा चुनाव आयोग का डंडा, 15 राजनीतिक पार्टियों पर संकट के बादल; देखिए पूरी लिस्ट

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 07:37 PM (IST)

    बिहार में पिछले 6 सालों से निष्क्रिय राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने ऐसे दलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था लेकिन कई दलों ने कोई जवाब नहीं दिया। अब चुनाव आयोग इन दलों का पंजीकरण रद करने की तैयारी में है। इन दलों पर 2019 से कोई भी चुनाव न लड़ने का आरोप है जिसके चलते आयोग इनकी मान्यता रद कर सकता है।

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    कागजी दलों के विरुद्ध सख्त हुआ आयोग

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में पिछले छह वर्षों से राजनीतिक गतिविधियों के नाम सिर्फ फाइलों में गतिविधियां दिखाने वाले दलों के विरुद्ध चुनाव आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने ऐसे दलों की हेराफेरी को चिह्नित करते नोटिस जारी कर उत्तर मांगा था। समय सीमा बीत जाने पर अब पंजीकरण रद करने की तैयारी है।

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    हवा-हवाई दलों के विरुद्ध कई गंभीर आरोप हैं। इन दलों पर पिछले छह साल से एक भी चुनाव नहीं लड़ने को लेकर शिकंजा कस गया है। चुनाव मैदान से लापता रहने वाली पार्टी को नोटिस भेजकर सुनवाई की जा चुकी है।

    बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के समक्ष उपस्थित होकर कुछ दलों ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है, लेकिन अधिसंख्य दल कारण बताओ नोटिस का उत्तर देने सीईओ कार्यालय नहीं आए। ऐसे सभी राजनीतिक दलों के विरुद्ध रिपोर्ट तैयार कर सीईओ ने चुनाव आयोग को भेज दी है।

    चुनाव आयोग के अनुसार इन दलों ने 2019 से अब तक किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत सूचीबद्ध दलों को कई सुविधाएं मिलती हैं, मगर निष्क्रियता की स्थिति में उनकी मान्यता व लाभ रद किए जा सकते हैं।

    इसी कड़ी में आयोग द्वारा जारी नोटिस के बाद 15 दलों, जिनमें भारतीय आवाम एक्टिविस्ट पार्टी, भारतीय जागरण पार्टी, भारतीय युवा जनशक्ति पार्टी, एकता विकास महासभा पार्टी, गरीब जनता दल (सेक्युलर), जय जनता पार्टी, जनता दल हिंदुस्तानी, लोकतांत्रिक जनता पार्टी (सेक्युलर), मिथिलांचल विकास मोर्चा, राष्ट्रवादी युवा पार्टी, राष्ट्रीय सद्भावना पार्टी, राष्ट्रीय सदाबहार पार्टी, वसुधैव कुटुंबकम पार्टी, वसुंधरा जन विकास दल एवं यंग इंडिया पार्टी पर रिपोर्ट भेजी गई है।

    अब आयोग रिपोर्ट पर यह निर्णय करेगा कि इन दलों को निबंधित गैर मान्यताप्राप्त दलों की सूची में सम्मिलित रखा जाए या उस सूची से बाहर कर दिया जाए। पिछले महीने आयोग ने बिहार के ऐसे कई दलों को सूची से बाहर कर दिया था।