मैं 'हैदराबादी' और तुम 'हरियाणवी': सीमांचल में तेजस्वी के लिए नई टेंशन, AIMIM प्रमुख ओवैसी के निशाने पर कौन?
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की सीमांचल यात्रा से राजनीतिक हलचल है। वे महागठबंधन और भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। ओवैसी राजद पर गठबंधन न करने का आरोप लगा रहे हैं और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में रैलियां कर रहे हैं। उनके दौरे से महागठबंधन की चिंता बढ़ सकती है क्योंकि 2020 में उनकी पार्टी ने सीमांचल में कई सीटें जीती थीं और उपचुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया था।

अमरेंद्र कांत, किशनगंज। सीमांचल में चार दिवसीय यात्रा पर पहुंचे एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। वह अपने दौरे में जहां महागठबंधन पर भी निशाना साध रहे, वहीं भाजपा को नफरत फैलाने वाली पार्टी बता रहे हैं।
2020 के चुनाव में जीते पांच में चार विधायकों के राजद में शामिल होने पर तंज भी कस रहे हैं। औवेसी के दौरे में उमड़ रही भीड़ के कारण पार्टी भी गदगद नजर आ रही है। औवेसी राजद पर गठबंधन नहीं करने का ठीकरा फोड़ रहे हैं।
चारों विधानसभा क्षेत्रों में एआईएमआईएम की चर्चा
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लगातार रोड शो व जनसभा से मुस्लिम बहुल किशनगंज के चारों विधानसभा क्षेत्रों में इन दिनों एआईएमआईएम की चर्चा जोरों पर है। हर जगह लोगों की भीड़ उमड़ रही है।
जबकि किशनगंज, अररिया व पूर्णिया जिले के कई लोग टिकट की चाह में उनके पास अपना चेहरा चमका रहे हैं। हर सभा में ओवैसी तेजस्वी व लालू यादव पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं।
हरियाणा से बिहार लाकर राज्यसभा सदस्य बनाया
कहते हैं कि उनकी पार्टी ने खुद गठबंधन का प्रस्ताव दिया। लेकिन उनके तरफ से उत्तर नहीं आया। यह भी चेता रहे हैं कि बाद में मत कहना कि मम्मी-डैडी मेरा बैट-बॉल लेकर भाग गया।
हैदराबादी कहने पर भड़के औवेसी ने संजय यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हरियाणा से बिहार लाकर राज्यसभा का सदस्य बना दिया गया उनसे कोई क्यों नहीं पूछते हैं।
ओवैसी की यह ताबड़तोड़ दौरे व सभा ने उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है। हर जगह उमड़ रही भीड़ से उत्साहित ओवैसी भी यह कहते नहीं थक रहे हैं कि हर जाति का नेता हो सकता है तो मुसलमानों का क्यों नहीं हो सकता।
वो अपने दौरे में मुसलमानों के साथ समाज की तरक्की, भ्रष्टाचार व सीमांचल की बदहाली पर चर्चा कर जनता की नब्ज भी टटोल रहे हैं।
उनका यह दौरा आने वाले समय में यह महागठबंधन की चिंता बढ़ा सकता है। किशनगंज, अररिया व पूर्णिया से मुस्लिम बहुल क्षेत्र में उनकी दावेदारी महागठबंधन के गांठ को ढ़ीला कर सकती है।
2020 में 14 सीटों पर उतारे उम्मीदवार
उल्लेखनीय है कि 2्र020 के चुनाव में सीमांचल के 14 सीटों पर एआईएमआईएम ने उम्मीदवार उतारे थे। जिसमें से पांच सीट अमौर, बहादुरगंज, जोकीहाट, बायसी और कोचाधामन पर उन्हें जीत मिली थी। इन सीटों पर वर्ष 2015 में महागठबंधन की जीत हुई थी।
68 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले किशनगंज जिले में दो सीट पर उन्हें जीत मिली थी। जबकि 43 प्रतिशत अररिया जिले में मुस्लिम की आबादी है। यहां छह में से एक सीट पर ओवैसी की पार्टी ने जीत हासिल की थी।
उपचुनाव में 12 हजार से ज्यादा वोट
एक सीट रानीगंज में एआईएमआईएम के कारण महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था। राजनीतिक के जानकारों का कहना है कि मुस्लिम वोटों में बिखराव महागठबंधन के लिए भारी पड़ सकता है।
जानकार कहते हैं कि गोपालगंज विस में हुए उपचुनाव में ओवैसी के उम्मीदवार थे और यहां उन्हें 12 हजार से अधिक मत मिले थे।
राजद करीब दो हजार मतों से हार गई थी। जिस तरह ओवैसी कह रहे हैं कि भाजपा को रोकने के लिए वो महागठबंधन के साथ जाना चाहते हैं। पर राजद व कांग्रेस उन्हें भाव नहीं दे रही है। उससे यह तो स्पष्ट है कि वोटों का बंटवारा हो सकता है।
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