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    Bihar Election: ओवैसी बिगाड़ सकते हैं INDI अलायंस का खेल, AIMIM के इस कदम से वोटों में बिखराव तय

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 08:49 PM (IST)

    किशनगंज में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। 2020 में पांच सीटें जीतने वाली AIMIM फिर से चर्चा में है जो INDIA गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन राजद के संकेत न मिलने पर थर्ड फ्रंट की तैयारी में है। सीमांचल और कोसी की मुस्लिम बहुल सीटों पर AIMIM का फोकस है

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    AIMIM बिगाड़ सकता है INDI अलायंस का खेल। फाइल फोटो

    अमरेंद्र कांत, किशनगंज। राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है और सीमांचल एक बार फिर से राजनीति के केंद्र में है। वर्ष 2020 के चुनाव में यहां पांच सीटें जीतकर सबको चौंकाने वाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM(आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) इस बार भी चर्चा में है।

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    पार्टी इस बार INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के साथ चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन INDI अलायंस में खासकर राजद की ओर से सहयोग के संकेत नहीं मिल रहे हैं।

    इस कारण AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष ने थर्ड फ्रंट के सहारे चुनाव मैदान में उतरने की संभावना जताई है। यदि ऐसा हुआ तो सीमांचल की नौ और कोसी क्षेत्र की दो सीटों पर आइएनडीआइए का गणित बिगड़ सकता है और वोटों के बिखराव का सीधा फायदा एनडीए को मिल सकता है।

    वर्ष 2020 के चुनाव परिणाम सीमांचल में बेहद रोचक रहे थे। 24 सीटों में से भाजपा ने आठ, जदयू ने चार, कांग्रेस ने पांच, माले ने एक, राजद ने एक और AIMIM ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी, हालांकि बाद में AIMIM के चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे।

    उस समय पार्टी की सफलता ने सभी को चौंका दिया था। इस बार भी AIMIM तीसरे मोर्चे के साथ उतरने की तैयारी कर रहा है। ओवैसी के बिहार दौरे से यह संभावना और प्रबल हो गई है।

    2020 में कोचाधामन से AIMIM के अंजार नईमी ने 85,855 वोट पाकर जीत हासिल की थी। अररिया की जोकीहाट सीट से शहनवाज ने 59,596 मत पाकर राजद के सरफराज आलम को पराजित किया था। अमौर सीट से प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने 94,459 वोट लाकर जदयू प्रत्याशी को हराया था।

    पूर्णिया की बायसी सीट पर भी AIMIM को जीत मिली थी। इन परिणामों ने साफ कर दिया कि सीमांचल में AIMIM एक मजबूत दावेदार बनकर उभरा था।

    मुस्लिम बाहुल्य सीटों में मिल सकती है कामयाबी

    सीमांचल और कोसी की कुल 11 सीटें मुस्लिम बहुल मानी जाती हैं। इनमें किशनगंज की चार, अररिया की दो, पूर्णिया की दो, कटिहार की एक और कोसी प्रमंडल की कुछ सीटें प्रमुख हैं।

    2011 की जनगणना के मुताबिक किशनगंज में 68 प्रतिशत, अररिया में 43 प्रतिशत, पूर्णिया में 38 प्रतिशत और कटिहार में 44 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है।

    पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।राजद लंबे समय से माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण को अपनी जीत का आधार मानता आया है, लेकिन AIMIM का फोकस सीधे मुस्लिम वोटों पर है।

    ऐसे में यदि AIMIM ने तीसरे मोर्चे के सहारे चुनाव लड़ा तो मुस्लिम वोटों में बिखराव तय माना जा रहा है। इस हालात में एनडीए को अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है।

    यही वजह है कि सीमांचल का यह चुनावी रणक्षेत्र 2025 में भी बेहद रोचक होने जा रहा है। सभी दल अपनी रणनीति खासतौर पर इस क्षेत्र को ध्यान में रखकर बना रहे हैं।

    वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में सीमांचल की प्रमुख सीटों का परिणाम

    विधानसभा क्षेत्र विजेता (वोट) उपविजेता (वोट) तीसरा स्थान (वोट)
    कोचाधामन (किशनगंज) अंजार नईमी (AIMIM) – 85,855 लखनलाल पंडित (वीआइपी) – 40,646 तौसीफ आलम (कांग्रेस) – 30,204
    बहादुरगंज (किशनगंज) मु. इजहार असफी (AIMIM) – 79,893 मुजाहिद आलम (जदयू) – 43,750 शाहिद आलम (राजद) – 26,134
    बायसी (पूर्णिया) सैयद रूकउद्दीन अहमद (AIMIM) – 68,416 विनोद कुमार (भाजपा) – 52,043 अब्दुस सुबहान (राजद) – 38,254
    अमौर (पूर्णिया) अख्तरूल इमाम (AIMIM, प्रदेश अध्यक्ष) – 94,459 सबा जफर (जदयू) – 41,944 अब्दुल जलील मस्तान (कांग्रेस) – 31,863

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