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Prashant Kishor: ...तो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे PK, प्रशांत किशोर ने बताया- कब बनाएंगे पार्टी और कितना लगेगा समय?

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि गांव-गांव जाकर पदयात्रा के माध्यम से लोगों को बता रहा हूं कि आप अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए मतदान करें। उन्होंने कहा कि पदयात्रा के दौरान देखा कि पलायन एक ऐसा विषय है जिससे बिहार में कोई घर अछूता नहीं है। जो बाढ़ ग्रस्त इलाका है वहां के 60 से 70 प्रतिशत युवा रोजी-रोजगार को लेकर गांव छोड़कर बाहर जा चुके हैं।

By Amit Jha Edited By: Rajat Mourya Published: Mon, 05 Feb 2024 09:51 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2024 09:51 PM (IST)
प्रशांत किशोर ने बताया- कब बनाएंगे पार्टी और कितना लगेगा समय?

जागरण संवाददाता, खगड़िया। जन सुराज पदयात्रा बीते रविवार को खगड़िया पहुंची। सोमवार को खगड़िया के बाजार समिति प्रांगण में जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दो अक्टूबर 2022 से लगातार पदयात्रा करते आ रहे हैं। करीब बिहार के आधे विधानसभा क्षेत्र की यात्रा कर चुके हैं। अभी भी पूरे बिहार की यात्रा करने में एक से डेढ़ वर्ष लगेंगे। जिसके बाद पार्टी का गठन कर समाज के प्रबुद्ध लोगों की पार्टी बनाई जाएगी।

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उन्होंने कहा कि आज बिहार में जो गरीबी, पिछड़ापन, बदहाली है उसका मूल कारण यहां के लोगों की राजनीतिक बंधुआ मजदूरी है। उन्होंने कहा कि हम मूल मुद्दा को मुद्दा नहीं मानकर जाति और पंथ के आधार पर वोट करते हैं। बिहार का जो मूल मुद्दा है वह राजनीति के केंद्र में नहीं आ रहा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि हमें जाति-पंथ से ऊपर उठकर रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य व अपने बच्चों के भविष्य के लिए मतदान करना होगा। इस मुद्दे को मूल मुद्दा बनाना होगा।

'अपने बेहतर भविष्य के लिए मतदान करें'

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि गांव-गांव जाकर पदयात्रा के माध्यम से लोगों को बता रहा हूं कि आप अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए मतदान करें। उन्होंने कहा कि पदयात्रा के दौरान देखा कि पलायन एक ऐसा विषय है जिससे बिहार में कोई घर अछूता नहीं है। जो बाढ़ ग्रस्त इलाका है वहां के 60 से 70 प्रतिशत युवा रोजी-रोजगार को लेकर गांव छोड़कर बाहर जा चुके हैं। जहां बाढ़ की स्थिति नहीं है वहां भी 50 प्रतिशत युवा गांव से बाहर कमाने के लिए रहते हैं।

'किसानों की बदहाली के तीन कारण हैं'

प्रशांत किशोर ने कहा कि किसानों की बदहाली के तीन कारण हैं। पहला, भूमि सुधार में बदलाव न होना। उन्होंने कहा कि बिहार में कभी भूमि सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया है। दूसरा, जल प्रबंधन और तीसरा फसल का उचित मूल्य न मिलना। उन्होंने कहा कि आज मनरेगा, नल जल योजना, आवास योजना, जैसी कई ऐसी योजनाएं हैं, जिसमें कमीशनखोरी अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक स्टेप बाय स्टेप बंधा हुआ है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि आज बिहार में शराब और बालू माफिया की बात हो रही है, लेकिन बिहार में जो सबसे बड़ा माफिया है, वह अनाज माफिया है। उन्होंने बिहार की राजनीति पर बोलते हुए कई कद्दावर नेताओं पर कटाक्ष किया।

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