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    Khagaria News: कोसी के रास्ता बदलने से भविष्य में गहरा सकता है संकट, अलर्ट मोड पर प्रशासन

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 02:52 PM (IST)

    खगड़िया में कोसी नदी ने दो स्थानों पर रास्ता बदल दिया है जिससे कटाव का खतरा बढ़ गया है। तेलिहार जमींदार बांध के पास नदी की धारा मुड़ने से बांध को खतरा है हालांकि कटाव रोकने के प्रयास जारी हैं। शिशवा गांव में भी कोसी ने सामुदायिक भवन को निशाना बनाया जिसे फ्लड फाइटिंग से सुरक्षित किया गया। विभाग संवेदनशील स्थलों पर निगरानी रख रहा है।

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    कोसी नदी के रास्ता बदलने से भविष्य में गहरा सकता है संकट। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, खगड़िया। नेपाल से बिहार के सुपौल जिले में प्रवेश करने वाली कोसी नदी खगड़िया के एक बड़े भू-भाग से होकर गुजरती है। खगड़िया के सात में से तीन प्रखंडों से होकर यह गुजरती है। खगड़िया में ही कोसी से काली कोसी और बागमती का संगम होता है। फिलहाल कोसी जिले में दो जगहों पर रास्ता बदल चुकी है। दोनों जगहों पर कोसी कटाव करती रहती है।

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    तेलिहार जमींदार बांध के पांच से सात किलोमीटर के पास कोसी की धारा मुड़ चुकी है। 28 सितंबर 2024 को कोसी बराज का डिस्चार्ज 6.61 लाख क्यूसेक था। यह 56 वर्षों में कोसी का सर्वाधिक डिस्चार्ज था। इसका सीधा असर खगड़िया में दिखा।

    कोसी बराज का पानी अमूमन दो से चार दिनों में खगड़िया से होकर गुजरने वाली कोसी नदी में पहुंचता है। इस ऐतिहासिक डिस्चार्ज के बाद तेलिहार जमींदारी बांध के पास कोसी ने धारा बदल डाली। अब यहां कोसी धारा बदल कर उपद्रव मचा रही है। इससे बांध को खतरा है।

    यहां इस वर्ष 22 करोड़ की लागत से बाढ़ पूर्व कटाव रोधी कार्य किया गया। इसके बाद कोसी कराए गए कटाव रोधी कार्य के आगे 120 मीटर की लंबाई में कटाव करने लगी।

    जिसे फ्लड फाइटिंग के सहारे तत्काल स्थल सुरक्षित किया गया है। अभी बांध को कोई खतरा नहीं है। लेकिन अब यह कोसी का सर्वाधिक अति संवेदनशील स्थल बन चुका है।

    शिशवा चौथम दियारा का एक गांव है। यहां भी कोसी रास्ता बदल चुकी है। यहां जुलाई माह में कोसी सामुदायिक भवन को निशाने पर लेकर भयंकर कटाव शुरू किया। जिसे युद्धस्तर पर फ्लड फाइटिंग कार्य करा कर सुरक्षित किया गया है।

    बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी शिशवा को कोसी का प्ले ग्राउंड मानते हैं। यहां विलेज प्रोटेक्शन वर्क के तहत फ्लड फाइटिंग कार्य किया जाता है।

    हालांकि, अभी खगड़िया में कोसी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। परंतु जब यह उफान पर होगी, तो क्या करेगी, कहना मुश्किल है। हालांकि विभाग की ओर से सभी संवेदनशील, अति संवेदनशील स्थलों पर विशेष नजर रखी जा रही है।

    शिशवा कोसी का प्ले ग्राउंड है। यहां नदी रास्ता बदल चुकी है। और ढाई किलोमीटर की लंबाई में कटाव कर रही है। स्थल पर तत्काल फ्लड फाइटिंग कार्य करके सुरक्षित कर लिया गया है। जबकि तेलिहार जमींदारी बांध के कामाथान स्थल के पास कोसी की मुख्य धारा अब बहने लगी है। यहां विशेष निगरानी रखी जा रही है।  -सत्यजीत, अध्यक्ष, फ्लड फाइटिंग फोर्स खगड़िया।

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