Bihar Politics: दो बहनों की चुनाव में उतरने की तैयारी, दिलचस्प मोड़ पर पहुंचा बिहार इलेक्शन
खगड़िया की राजनीति में दो बहनों पूनम देवी यादव और कृष्णा कुमारी यादव का दबदबा है। पूनम देवी यादव खगड़िया सदर विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं जबकि कृष्णा कुमारी यादव बेलदौर विधानसभा से चुनाव लड़ने की योजना बना रही हैं। पूनम देवी पहले जदयू से जुड़ी थीं जबकि कृष्णा कुमारी राजद से चुनाव लड़ चुकी हैं। दोनों बहनों की राजनीतिक रणनीति पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

अमित झा, खगड़िया। खगड़िया की राजनीति में दो बहनें हमेशा चर्चा में रही हैं। खगड़िया सदर विधानसभा की पूर्व विधायक पूनम देवी यादव स्वयं खगड़िया विधानसभा से मैदान में उतरने को तैयार हैं। ये यहां से चार बार लगातार विधायक रह चुकी हैं। हालांकि, गत विधानसभा चुनाव में काफी कम मतों से हार गईं थीं।
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के छत्रपति यादव को 46,980 और जदयू के पूनम देवी यादव को 43,980 मत मिले थे। मात्र तीन हजार मतों से पूनम देवी यादव को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी इनकी जदयू से दावेदारी है।
दूसरी ओर, इनकी बहन कृष्णा कुमारी यादव बेलदौर विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं। कृष्णा कुमारी यादव वर्तमान में खगड़िया जिला परिषद के अध्यक्ष हैं। कृष्णा कुमारी यादव जिला अंतर्गत बेलदौर प्रखंड के ही जिला परिषद क्षेत्र संख्या 11 से जिप सदस्य भी हैं।
उन्होंने काफी मतों से जीत दर्ज की थीं। बेलदौर में किसी पार्टी से ये लड़ेंगी अभी यह तय नहीं हुआ है। इन्होंने किसी पार्टी से टिकट नहीं मिलने की सूरत में निर्दलीय मैदान में उतरने की घोषणा कर रखी है। स्पष्ट कहा है कि, हर हाल में बेलदौर विधानसभा से नामांकन करेंगे।
बताते चलें कि पूनम देवी यादव का जदयू से नाता है, तो कृष्णा कुमारी यादव का नाता राजद से रहा है। राजद से 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। पर सफलता हाथ नहीं लगी। वे दूसरे स्थान पर रही थीं।
2014 के लोकसभा चुनाव में प्रथम स्थान पर लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर, दूसरे स्थान पर राजद से कृष्णा कुमारी यादव और तीसरे स्थान पर जदयू के दिनेश चंद्र यादव रहे थे। वर्तमान में कृष्णा कुमारी यादव किसी पार्टी की सदस्य नहीं हैं।
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