Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Machali Palan: मछली पालन से बिहार में मालामाल हुईं महिलाएं, कमाई को लेकर देश भर हो रही चर्चा!

    By Amit Jha Edited By: Mukul Kumar
    Updated: Sun, 19 Jan 2025 06:41 PM (IST)

    महिलाएं मछली पालन के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। खगड़िया में दर्जनों महिलाएं मत्स्य पालन कर सफलता की नई कहानी लिख रही हैं। जीविका समूह की महिलाएं पोखर में मछली पालन कर रही हैं जबकि अलौली की महिलाएं बायोफ्लॉक टैंक में मछली पालन कर रही हैं। जीरा देवी जिन्हें प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया था बायोफ्लॉक टैंक में मछली पालन कर रही हैं।

    Hero Image
    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, खगड़िया। खगड़िया जिला पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए जाना जाता है। मत्स्य पालन में अब तक पुरुषों की बादशाहत रही थी। पर अब इस मिथक काे महिलाएं तोड़ने लगी है।

    खगड़िया में अब महिलाएं भी मत्स्य पालन कर सफलता की नई कहानी लिख रही हैं। आज दर्जनों की संख्या में महिलाएं मत्स्य पालन कर आत्म निर्भर बन रही हैं।

    बीते दिनों प्रगति यात्रा के दौरान खगड़िया आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महेशखूंट में नारी सशक्तीकरण और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने को लेकर जीविका दीदियों को पोखर हस्तांतरित किया।

    जीविका के तहत यहां पोखर का निर्माण कराया गया है। जिसमें जीविका समूह की महिलाएं मत्स्य पालन करेंगी। अलौली में महिलाएं पोखर के अलावे बायोफ्लाक टैंक में मत्स्य पालन कर आय कर रही हैं।

    राष्ट्रीय स्तर पर लिया जाता है जीरा देवी का नाम

    • इसमें जीरा देवी का नाम राष्ट्रीय स्तर पर लिया जाता है। जो बायोफ्लक टैंक में मत्स्य पालन कर रही हैं।
    • बीते गणतंत्र दिवस पर जीरा देवी को प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण दिया था और वे कार्यक्रम में शामिल भी हुईं।
    • अलौली की महिला एक्वेरियम निर्माण व बिक्री का कार्य कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।

    क्या कहती हैं मत्स्य पालन से जुड़ी महि ला

    जीरा देवी के अनुसार, वे जीविका से जुड़ी हैं। पहले समूह की महिला के साथ एक्वेरियम निर्माण व बिक्री का कार्य करती। बाद में मछली पालन आरंभ किया। इसी बीच मत्स्य विभाग की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री समग्र अलंकारी योजना का लाभ दिया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री ने खुद दिया था चेक

    अलौली आए मुख्यमंत्री ने उन्हें स्वयं योजना राशि का चेक दिया। बाद में उन्हे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ दिया गया। जिसके तहत बायोफ्लाक टैंक में मत्स्य पालन कार्य आरंभ किया।

    पहले चार टैंक थे अब आठ टैंक में मत्स्य पालन कर रही है। जिससे सिजीन में दो बार मत्स्य पालन करती हैं। एक सीजन पर चार से पांच हजार किलो मत्स्य पालन करती हैं।

    इससे दो लाख से ढाई लाख तक की आय होती है। मीना देवी के अनुसार एक एक्वेरियम के बिक्री से एक हजार तक की आय होती है। समूह की महिलाएं पोखर में मत्स्य पालन कर रही है।

    समूह की सात महिलाएं एक साथ मिलकर यह कार्य कर रही हैं। इससे  70 से 80 हजार की आय होती है। प्रति महिला 10 से 12 हजार कमाई कर रही हैं।

    योजना अधिकारी गिरधारी लाल के अनुसार अलाैली के बाद अब महेशखूंट में महिलाएं मत्सय पालन करेंगी। जिसकी तैयारी की जा रही है। पोखर तैयार है, प्रभात समूह की महिलाएं मछली पालन करेंगे।

    जीविका समूह की महिलाओं की उनके कार्यशैली व इच्छा के अनुरूप रोजगार को लेकर प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाते हैं। मत्स्य पालन में भी महिलाएं बेहतर कर रही हैं। जिस कारण इस पर भी अधिक ध्यान दिया जा रहा है। अलौली के बाद अब गाेगरी में भी महिलाएं मत्स्य पालन कार्य आरंभ करेंगी। मुख्यमंत्री ने महेशखूंट आगमन पर समूह की महिला को पोखर हस्तांतरित कर दिए हैं।-  विनय कुमार, डीपीएम, खगड़िया

    यह भी पढ़ें-

    इस जिले में 50 हजार से अधिक दाखिल-खारिज के मामले पेंडिंग, CO पर गिरी गाज

    अब इन किसानों को नहीं मिलेगा आवास योजना का लाभ, आवेदन के लिए तय हुए दस तरह के नियम

    comedy show banner