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    Katihar News: तीखी मिर्ची की खेती, किसानी में घोल रही मिठास; किसानों को मिल रहा बेहतर मुनाफा

    कटिहार के पोठिया प्रखंड में तीखी मिर्ची की खेती किसानों के जीवन में समृद्धि ला रही है। पिछले साल हुए मुनाफे के बाद इस साल और भी किसान इसकी खेती करने के लिए तैयार हैं जिससे मिर्ची की खेती का क्षेत्र बढ़ गया है। किसानों को कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है जिससे उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है।

    By Amar Pratap Edited By: Divya Agnihotri Updated: Sat, 10 May 2025 06:30 PM (IST)
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    मिर्ची की खेती से मालामाल हो रहे किसान

    संवाद सूत्र, पोठिया (कटिहार)। प्रखंड क्षेत्र में तीखी मिर्ची की खेती किसानों के जीवन में मिठास घोल रही है। पिछले साल के बेहतर मुनाफे से इस साल अधिक किसान मिर्ची की खेती करने की तैयारी कर रहे है। लिहाजा इस साल मिर्ची की खेती का रकबा भी बढ़ा है।

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    मिर्ची की खेती की तरफ बढ़ा झुकाव

    प्रखंड कृषि पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि परंपरागत खेती के साथ-साथ किसानों का झुकाव सह फसली के रूप में मिर्च की खेती की तरफ हुआ है। इससे किसानों को बेहतर लाभ भी मिल रहा है। कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

    केला की खेती से किसानों ने किया किनारा

    आपको बता दें कि क्षेत्र के अधिकांश किसान नगदी फसल के रूप में केला, मखाना व मक्का को प्राथमिकता देते हैं। महज एक दशक पूर्व तक यहां केला की खेती बृहद पैमाने पर हुआ करती थी, लेकिन केला में पनामा विल्ट नामक रोग लगने के बाद किसानों ने इसकी खेती से किनारा करना शुरू कर दिया।

    देश के कई राज्यों और नेपाल में भी होता है निर्यात

    अब किसानों का रूझान नगदी फसल के रूप में मखाना व मक्का के साथ हरी मिर्च की तरफ हो गया है। बताया जाता है कि यहां की मिर्ची की गुणवत्ता बेहतर होने से बिहार की राजधानी समेत बंगाल, झारखंड व अन्य कई प्रांतों के अलावा पड़ोसी मुल्क नेपाल में भी निर्यात होता है।

    एक एकड़ में लगभग 10 से 12 टन मिर्च का उपज

    किसान प्रदीप कुमार, मु. खालिद, बबलू, मुकेश, राकेश, शेरुद्दीन आदि ने बताया कि एक एकड़ में लगभग 10 से 12 टन मिर्च का उपज प्राप्त होता है। भाव अच्छा रहने पर एक से सवा लाख रूपया प्रति एकड़ मिल जाता है। मजदूरों को भी बेहतर मजदूरी मिल जाती है। पिछले वर्ष मिर्च तोराई में छह रुपये किलो के हिसाब से मजदूरी दी गई थी।

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