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    महज दुर्घटना या गहरी साजिश! बिहार रेल हादसा में 20 डिब्बों का मलबा खड़े कर रहा कई सवाल? अधिकारी भी साधे हैं चुप्पी

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 11:11 PM (IST)

    सिमुलतला के बड़ुआ पुल पर मालगाड़ी के 20 डिब्बे पटरी से उतरने की घटना अब सिर्फ हादसा नहीं रही। हावड़ा-नई दिल्ली रेलमार्ग 40 घंटे से अधिक समय तक बाधित र ...और पढ़ें

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    मलबे हटाने का चल रहा काम। (जागरण)

    संवाद सूत्र, सिमुलतला (जमुई)। शनिवार की रात सिमुलतला के बड़ुआ पुल पर घटी रेल घटना अब केवल एक हादसा भर नहीं रह गई है। घटनास्थल पर बिखरे मालगाड़ी के करीब 20 डब्बों का मलबा कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

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    हावड़ा-नई दिल्ली जैसे अत्यंत व्यस्त रेलमार्ग का 40 घंटे से अधिक समय तक ठप रहना रेलवे के इतिहास में एक बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है।

    हादसे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद देउस्कर तथा दानापुर मंडल रेल प्रबंधक विनीता श्रीवास्तव स्वयं दल-बल के साथ मौके पर डटे हुए हैं।

    युद्धस्तर पर ट्रैक बहाली का कार्य जारी है, लेकिन पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा प्रश्न अब भी अनुत्तरित है, आखिर यह हादसा हुआ कैसे? विडंबना यह है कि इस सवाल पर वरीय से लेकर कनीय स्तर तक के अधिकारी फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं। अब तक किसी भी स्तर से हादसे के कारणों को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

    रेलवे से जुड़े जानकारों और घटनास्थल का मुआयना करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ुआ पुल जैसे स्थान रेलवे की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील होते हैं। ऐसे पुलों पर सामान्य ट्रैक की तुलना में अधिक सतर्कता और निगरानी बरती जाती है।

    विशेषज्ञों के अनुसार यदि यह सामान्य रेल फ्रैक्चर या तकनीकी खराबी होती, तो संभवतः एक-दो बोगियां ही बेपटरी होतीं, लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक करीब 20 बोगियां पटरी से उतरकर नीचे जा गिरीं, वह असामान्य परिस्थितियों की ओर इशारा करता है।

    इस घटना को लेकर साजिश की आशंका इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि इसी वर्ष फरवरी माह में इसी बड़ुआ पुल पर शरारती तत्वों द्वारा फिश प्लेट और पेंड्रोल क्लिप खोलने की घटना सामने आई थी। उस समय रेल डीएसपी ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी और मामला जसीडीह आरपीएफ में दर्ज कराया गया था।

    अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या शनिवार की रात की यह दुर्घटना उसी कड़ी का अगला चरण है, या फिर सुरक्षा में किसी स्तर पर हुई चूक ने इतनी बड़ी घटना को जन्म दिया। जिस तरह से मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई है, उसने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

    फिलहाल रेलवे प्रशासन की प्राथमिकता ट्रैक को साफ कर जल्द से जल्द परिचालन बहाल करना है। हालांकि, जब तक उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट सामने नहीं आती और अधिकारी स्पष्ट रूप से स्थिति नहीं बताते, तब तक सिमुलतला का यह रेल हादसा एक अनसुलझी पहेली बना रहेगा।

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