Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chirag Paswan: 'मंत्री पद से इस्तीफा दें चिराग', पीके की केंद्रीय मंत्री को सलाह; सियासी पारा हाई

    जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में कदम रखने से पहले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को इस्तीफा देने की सलाह दी है। उन्होंने शराबबंदी खत्म करने के प्रतिपक्ष के नेता के वादे को हास्यास्पद बताया और कहा कि यह कानून 2016 में उनके ही डिप्टी सीएम रहते हुए लागू हुआ था। पीके ने मुख्यमंत्री के पैतृक ग्राम कल्याणबीघा से यात्रा शुरू करने का ऐलान भी किया।

    By Arvind Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 30 Apr 2025 04:35 PM (IST)
    Hero Image
    जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, जमुई। जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) के नेता प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार की राजनीति करने से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से चिराग पासवान (Chirag Paswan) को इस्तीफा देने की सलाह दी है। प्रशांत जमुई में जनसभा के पश्चात पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दौरान उन्होंने शराबबंदी खत्म करने के प्रतिपक्ष के नेता के वादे को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि यह कानून 2016 में उनके ही डिप्टी सीएम रहते हुए लागू हुआ था। इसके बाद फिर 18 महीना वह डिप्टी सीएम रहे, लेकिन इस फर्जी शराबबंदी को खत्म नहीं कर सके।

    'हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला'

    जाति गणना के पश्चात दोनों नेताओं नीतीश और तेजस्वी ने 94 लाख लोगों को दो-दो लाख रुपए सहायता की घोषणा की थी, लेकिन एक भी लोगों को इसका लाभ अब तक नहीं मिला। जमीन सर्वे के नाम पर छोटे-छोटे किसानों से 10-20 और 50 हजार रुपये की नाजायज वसूली हो रही है। हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है।

    11 मई को सीएम के पैतृक गांव से यात्रा शुरू करेंगे पीके

    पीके ने कहा कि भूमिहीनों को तीन डिसमिल जमीन देने की घोषणा कागज पर सिमट कर रह गई है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर 11 मई से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक ग्राम कल्याणबीघा से यात्रा की शुरुआत करेंगे। इसके पहले प्रशांत किशोर ने बिल्कुल जादूगर अंदाज में भीड़ से संवाद स्थापित किया और आगामी चुनाव में पढ़ाई और रोजगार को मुद्दा बनाकर वोट करने की अपील की।

    '...आप कहीं नीतीश कुमार को वोट तो नहीं देंगे?'

    वह जनता से संवाद स्थापित करते हुए चाचा नीतीश कुमार की विदाई तथा लालू प्रसाद के पुराने जंगल राज की वापसी नहीं होने देने की न सिर्फ हामी भरवाई, बल्कि हाथ उठाकर संकल्प का सहभागी भी बनाया। उन्होंने भीड़ से यह भी पूछा कि पांच किलो अनाज और अयोध्या में मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर तो आप कहीं नीतीश कुमार को वोट नहीं दे देंगे।

    प्रशांत अपने लय में यह भी बता गए कि उनकी अर्थात जनता की राज आने वाली है। लिहाजा अबकी छठ में आपके बच्चे जब गुजरात या फिर किसी अन्य शहरों से घर लौटेंगे तो फिर 10 और 15000 की नौकरी के लिए उन्हें वापस नहीं जाना होगा। दिसंबर माह से 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को 400 की जगह 2000 रुपये पेंशन की व्यवस्था होगी।

    प्रशांत किशोर ने खुद के नेता नहीं होने का मंच से न सिर्फ लोगों को भरोसा दिलाया, बल्कि अन्य नेताओं से अलग दिखने की कोशिश भी करते दिखे। वह श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम के प्रवेश द्वार के समीप ही गाड़ी छोड़कर पैदल हो लिए। वहां से भीड़ के साथ मंच तक पहुंचे और फिर सभा समापन के पश्चात भी उन्होंने ऐसा ही किया।

    मंच से उतरकर भीड़ से जय बिहार, जय-जय बिहार के नारों के बीच अपनी गाड़ी तक की यात्रा की। मंच पर नारे भी उनके नाम के नहीं बल्कि बिहार के लग रहे थे। प्रशांत किशोर की सभा की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष धर्मदेव यादव ने की। जबकि मंच संचालन की जिम्मेवारी अधिवक्ता रूपेश कुमार सिंह संभाल रहे थे।

    कार्यक्रम का समापन उपाध्यक्ष उत्तम सिंह के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस दौरान पार्टी के महासचिव जमादार सिंह, राज्य कार्यकारिणी सदस्य अनिल साव, उपाध्यक्ष राहुल सिंह, संजीव सिंह, मीडिया प्रभारी अशोक कुमार सिन्हा सहित पार्टी के अन्य नेता व कार्यकर्ता मंचासीन थे।

    ये भी पढ़ें- Chirag Paswan: सोनपुर में कुंवारे चिराग पासवान को महिलाओं ने अचानक लगाई हल्दी, फिर ऐसा रहा रिएक्शन

    ये भी पढ़ें- पूर्व IAS के बेटे ने किया चुनाव लड़ने का एलान, सीट भी कर दी फाइनल; बिहार में सियासी हलचल तेज