Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Politics: 1990 में इस सीट पर कांग्रेस को लगी थी गहरी सियासी चोट, जनता ने कर दिया था सत्ता से बेदखल

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 03:52 PM (IST)

    1990 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए जमुई में सबसे ज्यादा मतदान हुआ था जो कि 66.25% था। 2005 में सबसे कम 41% मतदान हुआ। 2005 के चुनावों में राजग गठबंधन ने जिले की चारों सीटों पर जीत हासिल की थी। जमुई जिले में चुनावों का मतदान प्रतिशत समय-समय पर बदलता रहा है।

    Hero Image
    1990 में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में अधिक मुखर थे सिकंदरा के मतदाता

    मणिकांत, जमुई। बात 1990 के विधानसभा चुनाव की हो रही है। कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए सर्वाधिक मतदान हुआ था। उक्त चुनाव में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। उस वक्त जमुई जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में औसत मतदान 66.25 फीसद दर्ज किया गया था। तब सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सर्वाधिक मुखर थे और जिले के औसत मतदान से भी ज्यादा सर्वाधिक 69 फीसद मतदान किया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चकाई और जमुई में 68 फीसद वोटिंग हुई थी, जबकि झाझा में 61 फीसद मतदान हुआ था। इसके पहले 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति लहर में 62.50 फीसद लोगों ने मतदान किया था। कमोबेश यही स्थिति 1977 में जनता पार्टी की सरकार के बीच में ही बिखर जाने के बाद थी। मध्यावधि चुनाव से नाराज मतदाताओं ने 62 फीसद मतदान किया था।

    सबसे कम अक्टूबर 2005 में 41 फीसद हुई थी वोटिंग

    अक्टूबर 2005 के विधानसभा चुनाव में केजे राव की सख्ती कहें या फिर मतदाताओं की उदासीनता, लेकिन चुनावी इतिहास में मतदान का सबसे कम प्रतिशत दर्ज हो गया। आलम यह था कि जमुई में महज 41 फीसद मतदान हुआ था। इसके पहले सबसे कम मतदान 1962 में 42.5 फीसद दर्ज किया गया था।

    अलग-अलग तीन विधानसभा क्षेत्रों में तो 40 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ था, लेकिन सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र के मात्र 34 फीसद मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

    चारों विधानसभा क्षेत्र में राजग ने लहराया था परचम

    2005 में बिहार में दो बार चुनाव हुए थे। एक चुनाव फरवरी में हुआ। इसके बाद अक्तूबर 2005 में भी नए सिरे से चुनाव हुए। इस चुनाव में जिले की चारों सीटों पर राजग गठबंधन ने परचम लहराया था। अक्तूबर 2005 में हुए चुनाव में जमुई सीट से नरेंद्र सिंह के पुत्र जदयू उम्मीदवार अभय सिंह को जीत मिली।

    उन्होंने राजद के विजय प्रकाश को 9,090 वोट से मात दी। अभय सिंह को 38,968 वोट मिले। वहीं, विजय प्रकाश को 29,878 वोट मिले। झाझा सीट की बात करें तो जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दामोदर रावत 37 हजार 789 वोट पाकर पहले स्थान पर रहे। दूसरे स्थान पर राजद के राशीद अहमद रहे, राशीद को कुल 25 हाजर 445 वोट मिले।

    इसके अलावा, सिकंदरा सुरक्षित सीट से जदयू के रामेश्वर पासवान ने जीत दर्ज की। उन्होंने सिकंदरा सीट से हैट्रिक लगा चुके प्रयाग चौधरी को 15,365 वोट से पराजित कर दिया। रामेश्वर पासवान को कुल 38,060 वोट मिले तो प्रयाग चौधरी को मात्र 22,695 वोट से संतोष करना पड़ा।

    चकाई सीट से नरेंद्र सिंह के पुत्र लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार अभय सिंह ने जीत दर्ज की। अभय सिंह ने भाजपा के फाल्गुनी यादव को 4,619 मतों से से हराया था।

    यह भी पढ़ें- Bihar Politics: खुद के घर से बेघर हुई भाजपा, 'सेफ सीट' पर ही हो गया 'खेल'; अब चुनाव में क्या होगा?