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    Bihar: स्वर्ग से भेजो स्पष्टीकरण, शिक्षा विभाग की बेमिसाल कार्यशैली; अजीत बाबू पर परलोक में भी दबाव!

    जमुई के शिक्षा विभाग की लापरवाही फिर सामने आई है। मृत शिक्षक अजीत कुमार मेहता को सेवाकालीन प्रशिक्षण में अनुपस्थित बताकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। विभाग ने 48 घंटे में जवाब देने या वेतन कटौती की चेतावनी दी है। पहले भी उन्हें प्रशिक्षण में भाग लेने का आदेश दिया गया था। इस घटना से शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 08 May 2025 04:27 PM (IST)
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    स्वर्ग से भेजो स्पष्टीकरण, शिक्षा विभाग की बेमिसाल कार्यशैली; अजीत बाबू पर परलोक में भी दबाव!

    संवाद सूत्र, जमुई। शिक्षा विभाग की लापरवाह कार्यशैली एक बार फिर सामने आई है। इस बार मृत शिक्षक को सेवाकालीन प्रशिक्षण में अनुपस्थित बता स्पष्टीकरण मांगा गया है। इससे पहले भी मृत शिक्षक को प्रशिक्षण में भाग लेने का आदेश दिया गया था। मामला सोनो प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मानधाता के शिक्षक अजीत कुमार मेहता का है, जिनका देहावसान बीते 26 जनवरी को ही हो चुका है।

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    विभाग ने इनको 48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण समर्पित करने या अन्यथा की स्थिति में प्रशिक्षण पर खर्च होने वाली राशि की कटौती वेतन से करने की बात कही है। शिक्षा विभाग की इस कार्य संस्कृति की खूब किरकिरी हो रही है। लोग पूछ रहे कि मृत शिक्षक स्वर्ग से स्पष्टीकरण भेजेंगे।

    क्या है पूरा मामला?

    दरअसल, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा सीमा कुमारी ने 21 अप्रैल से 26 अप्रैल तक डाइट गिद्धौर में पांच दिवसीय सेवाकालीन प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले जिले के 240 शिक्षकों को सूची में अजीत कुमार मेहता का भी नाम शामिल कर लिया था। इसमें विभाग की किरकिरी हुई थी।

    अब विभाग उन्हें प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने का कारण बताने को कहा है। डीपीओ ने विभागीय पत्रांक- 660, दिनांक 7 मई 25 द्वारा मृत शिक्षक को चेतावनी भी दी है कि 48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं करने पर आपके वेतन से प्रशिक्षण में खर्च होने वाली राशि की कटौती की जाएगी।

    इस हास्यास्पद, लेकिन चिंताजनक गलती ने शिक्षा विभाग की कमियों को उजागर कर दिया है। यह स्थिति तब है जब प्रशिक्षण सूची जारी होने के बाद ही दैनिक जागरण ने 'फाइलों में अमर, अजीत बाबू स्वर्ग से लेंगे प्रशिक्षण' शीर्षक के साथ इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। अब एक बार फिर प्रशिक्षण में हाजिर नहीं होने पर विभाग ने उनसे स्पष्टीकरण मांगने में देर नहीं की है।

    क्या परलोक से देना होगा जवाब?

    अब सवाल यह है कि क्या अब परलोक से भी जवाब देना होगा? क्या अब स्वर्ग में भी प्रशिक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा? मृत शिक्षक अजीत कुमार मेहता से स्पष्टीकरण का जवाब तो नहीं मिलेगा, फिर विभाग उन पर अर्थ दंड अधिरोपित करेगा, पर दंड वसूली के लिए परलोक कौन जाएगा? स्वजन स्तब्ध हैं और शिक्षा विभाग पर सवाल उठा रहे हैं।

    वहीं, बुद्धिजीवियों ने इस विभागीय लापरवाही पर चुटकी लेते हुए कहा कि कागजों में जिंदा रखने की यह सरकारी आदत आखिर कब सुधरेगी? रिकॉर्ड अपडेट न होने की लापरवाही अब मृतकों को भी चैन से नहीं रहने दे रही है। विभाग द्वारा बार-बार दोहराई जा रही यह गलती कतई मानवीय भूल नहीं माना जा सकता। शिक्षा विभाग में संवेदना से ज्यादा फाइलों को महत्व दिया जाता है।

    प्रशिक्षण में अनुपस्थित 14 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस सूची में क्रम संख्या-01 पर अजीत कुमार मेहता, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मानधाता सोनो का नाम अंकित है जिसे विलोपित कर दिया गया है। - सीमा कुमारी, प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा, जमुई।

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