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    अगर Chirag Paswan ने छोड़ी जमुई सीट, तो किसका लगेगा अगला नंबर? NDA में आसान नहीं सीट शेयरिंग

    Chirag Paswan News जमुई लोकसभा सीट को लेकर सियासी अटकलबाजी का दौर जारी है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी अशोक चौधरी और स्मृति पासवान की चर्चा तेज है। अर्चना दास की भी मजबूत दावेदारी बताई जाती है। जीतन राम मांझी की भी रह-रह कर चर्चा होती है। इंजीनियर आइपी गुप्ता भी पटना और दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं।

    By Sanjay Kumar Singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 08 Mar 2024 06:16 PM (IST)
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    अगर Chirag Paswan ने छोड़ी जमुई सीट, तो किसका लगेगा अगला नंबर? NDA में आसान नहीं सीट शेयरिंग

    अरविंद कुमार सिंह, जमुई। Chirag Paswan Jamui Lok Sabha Seat राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन दोनों की गांठ में टिकट की गुत्थी उलझी हुई है। ऐसा चिराग पासवान के जमुई सीट छोड़ने के संकेत से हुआ है, अन्यथा महागठबंधन में ही दल और टिकट को लेकर जोर आजमाइश की स्थिति अंतिम तक बनी रहती थी। इस बार इन परिस्थितियों से राजग के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी गुजरना पड़ रहा है।

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    बहरहाल, दलों की दावेदारी के बीच टिकट की दौड़ जारी है। हर प्रत्याशी के अपने दावे हैं। दावे और प्रतिदावे की चर्चा चाय-पान की दुकान से इंटरनेट मीडिया तक हो रही है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, अशोक चौधरी और स्मृति पासवान की चर्चा तेज है। अर्चना दास की भी मजबूत दावेदारी बताई जाती है। जीतन राम मांझी की भी रह-रह कर चर्चा होती है।

    आइपी गुप्ता भी पटना और दिल्ली की दौड़ लगा रहे

    इंजीनियर आइपी गुप्ता भी पटना और दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं। उन्हें भी उम्मीद है कि सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी और उन्हें ही मौका मिलेगा। इसके अलावा अन्य छोटे बड़े नाम की चर्चा हो रही है, लेकिन सब कुछ सीट शेयरिंग पर निर्भर है। जमुई सुरक्षित लोकसभा सीट किस दल के खाते में जाता है, इसके बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी।

    इन दो नामों की चर्चा तेज

    फिलहाल चर्चित प्रत्याशियों की बात करें तो चिराग पासवान के खुद की जमुई से दावेदारी छोड़ने के बाद राजग में दो नाम की सर्वाधिक चर्चा हो रही है। एक जदयू के पाले में सीट जाती है तो अशोक चौधरी या फिर उनकी बेटी की चर्चा राजनीतिक हल्कों में है। अशोक चौधरी कांग्रेस की टिकट पर यहां से 2009 में चुनाव लड़े थे और सम्मानजनक वोट हासिल किया था। इसी गठबंधन में जमुई में कभी पुलिस अधीक्षक रहे पश्चिम चंपारण के डीआइजी जयंतकांत की पत्नी स्मृति पासवान भी खूब जोर आजमाइश कर रही हैं।

    क्षेत्र में सक्रियता के अलावा हाल ही में उन्होंने पूरे लाव लश्कर के साथ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। पुलिस अधिकारी की पत्नी से इतर भी स्मृति पासवान ने जमुई में अपनी छवि पेश की है। खासकर 2017 में दंगों के दौरान उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द कायम करने की जो कोशिश की थी उसकी आज भी चर्चा होती है। इसी गठबंधन में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नेता संजय पासवान की अपने दल में मजबूत दावेदारी की चर्चा है।

    मांझी के बेटे की भी चर्चा

    हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व उनके बेटे संतोष सुमन तो खुद ही पार्टी के सर्वमान्य हैं। इधर, महागठबंधन में सीटों को लेकर राष्ट्रीय जनता दल में सर्वाधिक मारामारी है। संभावना भी जताई जा रही है कि सीट राजद के खाते में ही जाएगी। इस लिहाज से यहां बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी तथा अर्चना दास ज्यादा सक्रिय हैं। उदय नारायण चौधरी पहले भी जमुई लोकसभा क्षेत्र से 2014 के चुनाव में जदयू से भाग्य आजमा चुके हैं।

    लाइन में उदय मांझी भी लगे

    इसके अलावा फुलवारी शरीफ के पूर्व विधायक उदय मांझी भी यदा-कदा जमुई लोकसभा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चर्चा में बने रहने की कोशिश करते रहे हैं। कांग्रेस से स्थानीय पान समाज के नेता इंजीनियर आइपी गुप्ता आस लगाए बैठे हैं। बहरहाल सब की निगाहें दिल्ली और पटना की ओर टिकी हैं। गठबंधन की गांठ जैसे ही खुलेगी टिकट की गुत्थी भी सुलझ जाएगी, इन्हीं बातों के साथ चाय- पान की दुकानों की चौपाल को अल्पविराम मिल रहा है।

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