Sawan Puja 2024: इस शुभ योग में करें भोले बाबा की पूजा, एकादशी का भी रखें ध्यान; हर मनोकामना होगी पूरी
इस साल का सावन काफी खास होने वाला है। सावन सोमवार के दिन से शुरू हो रहा है और समाप्त भी। इसके अलावा प्रीति आयुष्मान योग के साथ सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। इस शुभ योग में भोलेनाथ की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी। कहा जाता है कि भोलेनाथ को श्रद्धा के साथ सिर्फ जल चढ़ाने से ही वह अति प्रसन्न हो जाते हैं।

जागरण संवाददाता, अरवल। Sawan 2024 सावन का महीना नजदीक आ रहा है। शिव भक्त उत्साहित हैं। शहर के अति प्राचीन गरीबा नाथ महादेव मंदिर के अलावा छोटे-बड़े सभी शिवालयों में तैयारी शुरू हो गई है। रंग-रोगन के साथ ही मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान का भी आयोजन होगा।
मधुश्रवा मंदिर के अति प्राचीन होने के कारण यहां पूरे सावन महीने में भक्तों का तांता लगा रहता है। पंडित उमेश मिश्रा कहते हैं कि इस साल श्रावण प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 जुलाई को दोपहर तीन बजकर 47 मिनट से शुरू हो रही है, जो 22 जुलाई को दोपहर एक बजकर 11 मिनट तक रहेगी।
उदया तिथि के आधार पर श्रावण मास (Sawan Ka Mahina) का आरंभ 22 जुलाई से हो रहा है। इसके साथ ही श्रावण पूर्णिमा यानी 19 अगस्त को सोमवार के दिन ही इसका समापन हो जाएगा।
काफी खास है इस बार का सावन
उन्होंने बताया कि इस साल का सावन मास काफी खास है, क्योंकि सोमवार के दिन से शुरू हो रहा है और समाप्त भी। सावन माह में इस बार पांच सोमवारी भी होंगे। इसके अलावा प्रीति, आयुष्मान योग के साथ सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। इस शुभ योग में भोलेनाथ की पूजा करने (Sawan Puja Vidhi 2024) से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ माह (Ashad Month 2024) के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की एकादशी को देवशयनी एकादशी पड़ती है। इस दिन सृष्टि के पालनहार क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसके साथ ही वह सृष्टि के संचार का बागडोर भोलेनाथ के हाथ में दे जाते हैं। ऐसे में भोलेनाथ अपने हर एक भक्त की पुकार सुनते हैं।
कहा जाता है कि भोलेनाथ को श्रद्धा के साथ सिर्फ जल चढ़ाने से ही वह अति प्रसन्न हो जाते हैं।
अति प्राचीन मंदिर है मधुश्रवा
एनएच-139 के मेहंदिया बाजार के समीप महर्षि चवनऋषि की जन्मस्थली मधुश्रवा में प्राचीन मधेश्वर नाथ महादेव मंदिर काफी प्रसिद्ध है। सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। सावन सोमवारी के दिन हजारों श्रद्धालु भगवान के पूजन अर्चन के लिए आते हैं। पूरे महीने मेला का आयोजन मंदिर परिसर में होता है।
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