Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या दम तोड़ रही है Ayushman Yojana? पांच साल में मात्र 15 प्रतिशत को ही मिला कार्ड, ऐसे कैसे मिलेगा गरीबों को इलाज

    By dheeraj kumarEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Mon, 09 Oct 2023 04:29 PM (IST)

    बिहार के जहानाबाद में आयुष्मान योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। हुलासगंज प्रखंड क्षेत्र में पांच सालों में महज 15 प्रतिशत परिवारों को ही कार्ड मिल पाया है। गरीब परिवार आज भी कर्ज लेकर अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। अभी हाल में ही दो अक्टूबर तक एक पखवाड़े के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने को विशेष अभियान चलाया गया इसके बावजूद यह लोगों की पहुंच से काफी दूर है।

    Hero Image
    पांच साल में मात्र 15 प्रतिशत को ही मिला आयुष्मान कार्ड।

    संवाद सहयोगी, हुलासगंज (जहानाबाद)। Ayushman Yojana News केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ प्रखंड क्षेत्र में 15 प्रतिशत परिवारों को ही मिल पाया है। आज भी गरीब परिवार के लोग कर्ज लेकर इलाज कराने को विवश हैं। पांच वर्ष पहले ही यह योजना शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत आयुष्मान कार्डधारक को पांच लाख तक की मुक्त इलाज की सुविधा मिलती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अभी हाल में ही दो अक्टूबर तक एक पखवाड़े के लिए आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) बनाने को विशेष अभियान चलाया गया, इसके बावजूद यह लोगों की पहुंच से काफी दूर है। हुलासगंज बाजार के राकेश नंदन बताते हैं कि उनका पुत्र न्यूरो की गंभीर समस्या से ग्रसित है। इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। राशन कार्ड होने के बावजूद उनका आयुष्मान कार्ड नहीं बन रहा है।

    ऐसे कई परिवार, जिनका नहीं बना कार्ड

    बताया जाता है कि आयुष्मान कार्ड बनाने के पोर्टल पर आपके परिवार का नाम लाभार्थी के सूची में नहीं हैं। यह दर्द अकेले राकेश नंदन का नहीं है। प्रखंड में ऐसे कई परिवार हैं जिनका कोई न कोई एक सदस्य गंभीर बीमारी से ग्रसित है। इसके बावजूद पोर्टल पर नाम नहीं होने की बात बात कह उनका कार्ड नहीं बनाया जा रहा।

    आरोग्य मित्र ने क्या बताया?

    सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हुलासगंज में कार्यरत आरोग्य मित्र सुजीत कुमार बताते हैं कि यहां सिर्फ गंभीर बीमारी से ग्रसित या भर्ती हुए मरीज का ही आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है। इसके लिए आवेदक रोगी का राशन कार्ड और आधार कार्ड होना जरूरी है। इसके बाद उसे पोर्टल पर मिलान कराया जाता है। अगर उसका नाम सूची में है तो कार्ड बनाने के लिए निबंधन की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

    'जटिल है आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया'

    उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया जटिल है जिस कारण दिन भर में चार से पांच कार्ड ही अस्पताल में बन पाता है। इसके अलावा, वसुधा केंद्र , लोक सेवा केन्द्र और पंचायत सरकार भवन में कार्यरत आरटीपीएस केन्द्र पर भी आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है।

    प्रखंड अंतर्गत चार- पांच पंचायत भवन में ही आरटीपीएस काउंटर कार्यरत है। वहां भी अधिकतर कार्यपालक सहायक जाति, आवासीय और दूसरे सर्टिफिकेट बनाने में व्यस्त रहते हैं। इस कारण से आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया काफी धीमी है। कार्ड बनाने के लिए काफी प्रक्रिया करनी पड़ता है इस कारण वसुधा केंद्र के संचालक इस योजना में कम रुचि लेते हैं।

    ये भी पढ़ें- किसानों के लिए अहम खबर! अब मोबाइल APP की निगरानी में होगी मशरूम की खेती, AI से कनेक्ट होगा पूरा सिस्टम

    ये भी पढ़ें- PM Awas Yojana: राशि लेकर भी नहीं बना रहे घर, विभाग ने इतने लाभार्थियों को भेजे नोटिस; अब होगी वसूली