Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किसानों के लिए अहम खबर! अब मोबाइल APP की निगरानी में होगी मशरूम की खेती, AI से कनेक्ट होगा पूरा सिस्टम

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Mon, 09 Oct 2023 03:33 PM (IST)

    Mushroom Farming अगर आप किसान हैं और आप मशरूम खेती करते हैं या इसकी योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए काफी अहम है। बिहार के मुजफ्फरपुर में अब मशरूम की खेती मोबाइल एप की निगरानी में की जाएगी। इसके लिए नई तकनीक तैयार की गई है। पूरा सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कनेक्टेड होगा। क्लस्टर 12 अक्टूबर से अपना काम शुरू कर देगा।

    Hero Image
    अब मोबाइल APP की निगरानी में होगी मशरूम की खेती, AI से कनेक्ट होगा पूरा सिस्टम

    अमरेन्द्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। Mushroom Farming New Technique जिले में पहली बार मोबाइल एप के सहारे मशरूम की खेती होगी। इसके लिए खबड़ा में मशरूम क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। जीविका की जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनिशा की देखरेख में बन रहा क्लस्टर 12 अक्टूबर से अपना काम शुरू कर देगा। यहां दस झोपड़ियां बनी हैं। एक झोपड़ी की मालकिन एक दीदी होगी। उनके साथ दो सहयोगी दीदी काम करेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस तरह से पहले चरण में तीस लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां पर जिस मशरूम का उत्पादन होगा, उसकी बाजार की चिंता जीविका दीदी को नहीं करनी होगी। यहां से मशरूम का सूखा पाउडर तैयार किया जाएगा। यह दवा निर्माण कंपनी के हाथों बिकेगी।

    सोलन से प्रशिक्षण लेकर आई हैं दीदियां

    क्लस्टर का संचालन संगम संकुल से जुड़ी जीविका दीदी करेंगी। इसमें तकनीकी सहयोग दे रहे ग्रेविटी एग्रो एंड एनर्जी के एमडी आशुतोष मंगलम ने बताया कि तीन दीदियों को मशरूम रिसर्च सेंटर सोलन से प्रशिक्षण दिलाया गया है। हर दिन 29 किलो उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

    उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत इसका विस्तार हो रहा है। 35 लाख की लागत से क्लस्टर का विस्तार हो रहा है। बताया कि यहां से एक हजार से एक हजार पांच सौ रुपए किलो तक वह खरीदेंगे। इस मौके पर अभिषेक आनंद, मो.हसन, जीज्ञासु मुख्य रूप से मौजूद रहे।

    इनके हाथ में कमान

    जीविका दीदी मीना देवी, रीता देवी, कुमारी रीता, आशा देवी, पूनम देवी, सुनीता देवी, सबिता देवी, उना देवी, रिंकी कुमारी व अमृता देवी इस यूनिटी की मालकिन होंगी।

    एआई तकनीक से होगा काम

    एआई का इस्तेमाल तमाम सेक्टर में डेटा एनालिसिस के लिए किया जा रहा है। वहीं, अब इसका उपयोग मशरूम की खेती में किया जाएगा। खेती के लिए बनी झोपड़ी वतानुकुलित है। उसमें पाइपलाइन से सिंचाई होगी। इस तकनीक से मौसम, मिट्टी, पानी की जरूरत समझने में मदद मिलेगी।

    मंगलम ने बताया कि हर झोपड़ी में एक सेंसर लगा रहेगा। वह मोबाइल से जुड़ा होगा। जब पटवन की जरूरत होगी तो वह अलार्म देगा। उसके बाद वहां पर पटवन हो जाएगा। अगर किसी तरह की बीमारी का असर दिखेगा तो वह भी सचेत करेगा। बताया कि आने वाले दिन में आवश्यक्ता के अनुसार एप को डेवलप किया जाएगा।

    ये भी पढ़ें- यात्री ध्यान दें! अंजान से मेलजोल पड़ सकता है महंगा, यूपी के स्टेशन पर खाया बिस्कुट, बिहार के अस्पताल में खुली आंख

    ये भी पढ़ें- Bihar News: 'ऐ भइया मुखिया जी बड़ा चोर है...', प्रशांत किशोर ने सीतामढ़ी के लोगों से क्यों कहा- बिहार में भ्रष्टाचार नहीं