Winter Tips: सर्दी का सितम कर रहा बुजुर्गों को बेहाल, इन आसान तरीकों से रखें ख्याल
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही बुजुर्गों की परेशानी बढ़ जाती है। ठंड के मौसम में उन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में बीमारियों से बचाव के लिए ठंड में उनके खान-पान का विशेष ध्यान रखें। खाने में हरी सब्जियों को शामिल करें। साथ ही सुबह जल्दी घर से बाहर जानें से बचें। इन बातों के साथ ही घर पर जरूरी दवाओं का स्टॉक भी रखें।

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। Winter Care Tips For The Elderly People: ठंड बढ़ रही है और इसके साथ ही बुजुर्गों में सेहत जनित अनगिनत समस्याएं भी बढ़ रही हैं। बढ़ती सर्दी अपने साथ खांसी, बुखार, जुकाम, रुखी त्वचा, एलर्जी जैसी सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी लेकर आती है।
इस मौसम में सांस की परेशानी, अस्थमा का अटैक, ब्लड प्रेशर और हृदयघात जैसी गंभीर समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। इनसे बचकर सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए बुजुर्गों को न सिर्फ अपनी दिनचर्या पर बल्कि आहार तथा उनके मानसिक स्वास्थ्य का भी विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है।
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने बताया ठंड बढ़ने के कारण बुजुर्गों में रक्तचाप का बढ़ना सामान्य है। रक्तचाप बढ़ने से ह्रदयघात व स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। उम्र ज्यादा हो जाने के कारण बीमारी से लड़ने की शारीरिक क्षमता कम हो जाती है और ठंड का सीधा असर बुजुर्गों के शरीर पर पड़ता है। इसलिए उन्हें खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
खाने में रखें इन जरूरी बातों का ध्यान
- सर्दी के मौसम में बहुत अधिक तेल व मसाले खाने की जगह हल्का व पौष्टिक खाना लेना चाहिए।
- हरी सब्जी, दाल व रोटी का अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- आहार में विटामिन सी वाले फल, अखरोट, तुलसी और हल्दी वाला दूध भी शामिल करें।
- सब्जियों में एंटी आक्सीडेंट रक्त परिसंचरण में मददगार होते हैं।
- समय-समय पर चिकन व अंडों को भी खाना में शामिल करें।
- ठंड में बुजुर्गों को जोड़ों का दर्द बहुत परेशान करता है।
- बुजुर्गों को ग्रीन टी या अदरक की चाय दें, यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हड्डियों को क्रियाशील बनाए रखता है।
आवश्यक दवाएं घर पर रखें
- सिविल सर्जन ने बताया कि जिन घरों में बुजुर्ग हैं, उन्हें उनके लिए आवश्यक सभी दवाओं का स्टॉक हमेशा घर पर उपलब्ध रखना चाहिए।
- इससे आपातकालीन परिस्थितियों या अचानक रक्तचाप बढ़ जाने या कम हो जाने की परिस्थितियों को नियंत्रित किया जा सके।
- यदि बुजुर्ग को सांस लेने में परेशानी या अस्थमा है तो संबंधित इन्हेलर भी हमेशा उपलब्ध रखें।
- घर में भी गर्म कपड़े का इस्तेमाल करें और बहुत अधिक सवेरे घर से बाहर निकलने से परहेज करें।
- घर में हल्के व्यायाम और योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।
- घर में सामान्य शारीरिक गतिविधि की मदद से ब्लड सर्कुलेशन व ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाना जरूरी है।
- इससे शरीर से पसीना निकलता है जो शरीर के जहरीले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी रखें नजर
ठंड से शुरू हुई शारीरिक समस्या धीरे-धीरे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। नतीजा तनाव बढ़ने या चिड़चिड़ाहट के रूप में सामने आता है। इसलिए बुजुर्गों में हो रहे मानसिक बदलाव पर कड़ी नजर रखें।
जरूरत पड़ने पर उनके साथ समय बिताएं और उन्हें उनके मन पसंद कामों या शौक को पूरा करने के लिए प्रेरित करें, ताकि उनका समय आसानी से बीते और वो तनाव में आने से बचें।
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