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    Bihar News: लेड क्रोमेट से रंगी हल्दी की बिक्री पर लगेगा बैन, नीतीश सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

    Updated: Fri, 20 Dec 2024 02:44 PM (IST)

    नीतीश सरकार (Bihar Government) हल्दी में लेड क्रोमेट (Adulteration In Turmeric) की मिलावट पर लगाम लगाने जा रही है। जल्द ही लेड क्रोमेट से रंगी हल्दी की बिक्री प्रदेश में प्रतिबंधित की जा सकती है। प्रतिबंधित होने के बाद यदि हल्दी के किसी नमूने में लेड क्रोमेट की पुष्टि होती है तो संबंधित व्यापारी पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।

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    लेड क्रोमेट से रंगी हल्दी की बिक्री होगी प्रतिबंधित

    जागरण संवाददाता, पटना। आयुर्वेदिक औषधि कम रसोई के अनिवार्य मसाले हल्दी की शुद्धता व गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। सरकार जल्द ही लेड क्रोमेट से रंगी हल्दी की बिक्री प्रदेश में प्रतिबंधित कर सकती है। प्रतिबंधित होने के बाद यदि हल्दी के किसी नमूने में लेड क्रोमेट की पुष्टि होती है तो संबंधित व्यापारी पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।

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    पटना व भोजपुर के खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि इस आशय का प्रस्ताव खाद्य संरक्षा आयुक्त के अनुमोदन को भेजा जा रहा है। लेड क्रोमेट से रंगी खड़ी या पिसी हल्दी की बिक्री को प्रदेश में सख्ती से रोकने के लिए इसे प्रतिबंधित करना ही व्यापक व प्रभावी उपाय होगा। इससे जांच में लेड क्रोमेट की पुष्टि होते ही मिलावटी हल्दी को नष्ट करवा दोषी पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।

    बताते चलें कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने खाद्य सामग्रियों में लेड क्रोमेट की मिलावट को अस्वास्थ्यकर व गैरकानूनी घोषित किया हुआ है। खड़ी हल्दी में लेड क्रोमेट की पुष्टि के बाद ग्राहकों के पास इससे बचने का एकमात्र उपाय जागरूकता ही बचा है।

    अभी दोषियों पर कार्रवाई में लगता लंबा समय

    प्रयोगशाला में स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित रिपोर्ट मिलने के बाद खाद्य संरक्षा पदाधिकारी आयुक्त की अनुशंसा के बाद हर जिले में बनी एडीएम की विशेष कोर्ट में मामला दर्ज कराते हैं। व्यापारी पहले तो लैब रिपोर्ट की गुणवत्ता को ही चुनौती देते हैं। यदि वहां से भी रिपोर्ट असुरक्षित आई तो कानूनी खामियों व तकनीकी पेच का सहारा लेकर अपीलीय कोर्ट में जाते हैं।

    इस बीच व्यापारी बदस्तूर मिलावटी सामान बेच कैंसर, किडनी-लिवर फेल्योर समेत तमाम घातक रोगों का खतरा बढ़ाता रहता है। इसके अलावा खाद्य संरक्षा विभाग के पास पदाधिकारियों व संसाधनों की भारी कमी भी दोषियों को जल्द सजा दिलाने में बड़ी बाधा है।

    बच्चियों की मृत्यु के बाद हल्दी पर सख्त रुख

    राजधानी के शास्त्री नगर थानान्तर्गत आवास गृह की तीन बच्चियों की गत सात व आठ नवंबर को मौत हुई थी। जिस खाने के बाद मृत्यु हुई थी उसमें इस्तेमाल हल्दी में खतरनाक जहर लेड क्रोमेट की पुष्टि हुई थी, जबकि धनिया अमानक पाया गया था। इसके बाद पटना व भोजपुर में हल्दी के नमूने लिए गए। इनमें से चार में लेड क्रोमेट की पुष्टि हुई।

    पटना की थोक मंडी मारूफगंज में अधिकारियों के पहुंचते ही दुकानें बंद होने से यहां कभी सही से नमूने नहीं लिए जा सके। तीन बच्चियों की मृत्यु के बाद भी सिर्फ एक दुकान से हल्दी का नमूना लिया जा सका और उसमें लेड क्रोमेट की पुष्टि हुई।

    लेड क्रोमेट इतना खतरनाक जहर होता है कि यदि आप बाजार से गाढ़े चमकदार पीले रंग वाली खड़ी हल्दी लेकर आते हैं और रातभर पानी में फुलोकर, सुखाने के बाद पिसाते हैं तब भी इसका दुष्प्रभाव पूरी तरह खत्म नहीं होता है। इससे केवल लेड क्रोमेट की विषाक्तता थोड़ी कम हो जाती है।

    लेड क्रोमेट के स्वास्थ्य पर होते घातक दुष्प्रभाव

    • लेड क्रोमेट के कारण न्यूरोलाजिकल समस्याएं जैसे सिरदर्द, चक्कर, ध्यान की कमी व याददाश्त कमजोर हो सकती है।
    • इसका क्रोमियम-6 पेट एवं फेफड़ों के कैंसर की आशंका को बढ़ा देता है।
    • लेड क्रोमेट की शरीर में अधिकता से लिवर, किडनी को गंभीर नुकसान होता है।
    • तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क से लेकर महिला-पुरुष की प्रजनन क्षमता तक को कम कर देता है।
    • गर्भस्थ शिशु को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं।
    • बच्चों को शारीरिक व मानसिक विकास बाधित करने के साथ उनमें व्यवहार संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है।