अगरबत्ती के स्टार्टअप ने बदल दी शख्स की किस्मत, अब दे रहे बेरोजगारों को रोजगार, ऐसे मिली कामयाबी
मोरंग देश अगरबत्ती स्टार्टअप की शुरुआत करने वाले अमरदीप ने बताया कि मिथिला क्षेत्र से लोग रोजगार के लिए नेपाल के मोरंग शहर जाते थे। कई लोकगीतों में इसका जिक्र किया गया है। इसी को ध्यान रखते हुए उन्होंने अपनी अगरबत्ती का ब्रांड नाम मोरंग देश रखा। इसके साथ ही लोगों के पलायन को भी कम किया। आज इसके निर्माण से 100 परिवार जुड़े हैं।

जयशंकर बिहारी, पटना। निवेशकों को विभिन्न प्रकार की सहूलियतों व इंसेंटिव के वादे के साथ गुरुवार को राजधास्थित ज्ञान भवन में दो दिवसीय बिहार बिजनेस कनेक्ट ग्लोबल इंवेस्टर मीट आरंभ हुआ। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय कुमार ने बिजनेस कनेक्ट का आरंभ किया। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा व श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह इस मौके पर विशेष रूप से मौजूद रहे।
स्टार्टअप की धूम
बिहार बिजनेस कनेक्ट में राज्य के स्टार्टअप की विशेष धूम देखने को मिली। युवा उद्यमियों ने दूसरे राज्यों और देश से पहुंचे निवेशकों को अपनी सफलता की कहानी सुनाई। समस्तीपुर के रामपुर समथू गांव में अगरबत्ती का स्टार्टअप प्रारंभ करने वाले अमरदीप कुमार और रजनीश ने जब अपने संघर्ष व प्रयोग बताए तो सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
मोरंग देश दिया ब्रांड का नाम
अमरदीप ने अपने ब्रांड को ही रोजगार देने वाले शहर का नाम दे दिया, अब इसी के माध्यम से पलायन की वजह मिटा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिथिला क्षेत्र से पहले काफी लोग रोजगार के लिए नेपाल के मोरंग शहर जाते थे। कई लोकगीतों में इसकी चर्चा है। इसी का ध्यान रखते हुए अपनी अगरबत्ती का ब्रांड नाम मोरंग देश रखा।
- मोरंग देश अगरबत्ती के निर्माण से 100 परिवार जुड़े हैं।
- छह लाख के टर्नओवर से शुरू हुआ यह कारोबार कुछ वर्षों में ही साढ़े तीन करोड़ तक पहुंच गया है।
- नेपाल के साथ-साथ इसकी खुशबू दुबई और सिंगापुर में भी फैल रही है।
- इसे फूल और ईख के अवशिष्ट से तैयार किया जा रहा है।
- कारोबार के साथ कम लागत में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद के लिए अनुसंधान भी जारी है।
हर माह 500 ई-साइकिल का ऑर्डर
पटना के बिटहा में तैयार हो रही ई-साइकिल नाइजीरिया के बाजार तक पहुंच चुकी है। बीरो पावर स्टार्टअप के रजनीश कुमार ने बताया कि उनकी ई-साइकिल को नाइजीरिया में टेस्ट किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
नाइजीरिया से हर माह 500 ई-साइकिल का ऑर्डर शीघ्र ही मिलेगा। 2021 में 70 हजार से शुरू किया व्यवसाय अब दो करोड़ से अधिक का हो चुका है। सभी उम्र के लोगों के लिए ई-साइकिल बनाई जा रही है।
20 से 50 हजार रुपये की ई-साइकिलें उपलब्ध हैं। गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनुसंधान भी जारी है। एक पेटेंट मिल चुका है, चार प्रक्रियाधीन है। आइआइटी पटना के इंक्यूबेशन सेंटर के मार्गदर्शन में हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर भी काम किया जा रहा है।
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