Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां कैसे होगी छठ पूजा? उग आई हैं झाड़ियां, पीएम अमृत सरोवर योजना के लिए चुने जाने के बाद भी काम अधूरा

    By manish kumarEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Sun, 05 Nov 2023 03:34 PM (IST)

    Gopalganj News बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखंड के सिसवा पंचायत सरकार भवन के पास स्थित सरोवर का हाल काफी बुरा है। यहां छठ पूजा की जाती है। सरोवर के किनारे घास फूस और झाड़ झंकार का जंगल बन गया है। इस सरोवर को प्रधानमंत्री अमृत सरोवर योजना के तहत चयनित किया गया है। फिर भी काम पूरा नहीं हुआ है।

    Hero Image
    यहां कैसे होगी छठ पूजा? उग आई हैं झाड़ियां, पीएम अमृत सरोवर योजना के लिए चुने जाने के बाद भी काम अधूरा

    मनोज राय, कुचायकोट (गोपालगंज)। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना के तहत चयनित सरोवर का काम आधा-अधूरा रहने के चलते इस बार छठ व्रतियों को परेशानी उठानी पड़ेगी।

    इस योजना के तहत कुचायकोट प्रखंड के सिसवा पंचायत सरकार भवन के पास स्थित सरोवर को अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने के लिए चयनित किया गया।

    सरोवर के अमृत सरोवर के रूप में चयनित किए जाने और फिर इसकी सफाई के साथ ही आसपास के लोगों में उम्मीद जगी कि इसके अमृत सरोवर के रूप में विकसित किए जाने के बाद छठ व्रतियों को भी एक सुंदर आकर्षक और सजे-धजे घाट पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने का मौका मिलेगा, लेकिन व्रतियों की यह उम्मीद परवान चढ़ती नजर नहीं आ रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2022 के अप्रैल महीने में शुरू हुआ काम

    वर्ष 2022 के अप्रैल महीने में अमृत सरोवर के रूप में विकसित किए जाने को लेकर सरोवर की सफाई का काम शुरू हुआ, पर सरोवर के जीर्णोद्धार तथा विकसित करने का कार्य गाद सफाई तक ही सिमट गया। लगभग 9 लाख 95 हजार की राशि खर्च कर सरोवर से गाद की सफाई की गई।

    सरोवर के तट पर पौधारोपण का कार्य किया गया। पौधों को बचाने के लिए गैबियन भी लगा दिए गए। विभागीय उदासीनता तथा देखरेख के अभाव में लगाए गए अधिकांश पौधे सूख गए। पौधों की सुरक्षा के लिए लगाए गये अधिकांश गैबियन टूटकर बिखर गए।

    नतीजा यह कि सिसवा गांव स्थित इस अमृत सरोवर के बांधों की स्थिति पहले से भी खराब हो गई है। सरोवर के पश्चिमी बांध पर बड़ी संख्या में छठ प्रतिमाएं बनी हैं। यहां बड़ी संख्या में व्रती महापर्व छठ के दौरान पूजा-अर्चना करने के बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करते हैं। बाकी तीन तरफ के बांध घास फूस और झाड़ झंकार का जंगल बन गए हैं।

    गाद की सफाई के बाद जहां-तहां जमा है मिट्टी

    अमृत सरोवर के चयन के बाद लोगों को जानकारी थी कि सरोवर के चारों तरफ बांध पर पेवर ब्लाक का कार्य होगा। इसके अलावा लोगों के बैठने के लिए बेंच, बांधों पर सोलर लाइट तथा छठ घाटों के जीर्णोद्धार की भी बात कही गई थी। योजना शुरू होने के बाद गाद सफाई और पौधारोपण की बात खानापूर्ति से आगे नहीं बढ़ सकी है।

    गाद सफाई की मिट्टी बांधों पर इधर-उधर जमा कर दिए जाने से बांधों की स्थिति बेहद खराब हालत में है। छठ के मौके पर इन बांधों पर मेले का भी आयोजन होता है। अब इन बांधों के खस्ताहाल से मेले वालों को भी दिक्कत का सामना करना होगा। सरोवर के विकसित नहीं होने से आम लोगों से लेकर छठ व्रती तक निराश नजर आ रहे हैं।

    क्या कहती हैं मुखिया?

    मनरेगा के तहत योजना स्वीकृत किए जाने के बाद सरोवर की साफ-सफाई का काम पिछले वर्ष ही पूर्ण कर लिया गया था। अब आगे जिस तरह की योजना होगी और राशि स्वीकृत होगी, उसके अनुसार काम कराया जाएगा। - पूनम सिंह, मुखिया, सिसवां पंचायत

    क्या कहते हैं कार्यक्रम पदाधिकारी?

    सिसवा पंचायत सरकार भवन के पास चयनित अमृत सरोवर के पहले चरण में साफ-सफाई का काम पूर्ण कर लिया गया है। अब नई योजना ली जा रही है। इसके तहत बांधों पर पेवर ब्लाक लगाने का काम किया जाएगा। लगाए गए पौधे जो सूख गए हैं, उनके बारे में संबंधित कर्मियों से जवाब तलब किया जाएगा। - चंद्रभान राम, कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा

    ये भी पढे़ं -

    वन-वे स्पेशल ट्रेन: सात को हावड़ा-दिल्ली और 10 नवंबर को धनबाद के लिए चलेगी, इन स्टेशनों पर होगा ठहराव

    पटना विवि समेत सात विश्वविद्यालयों को मिलेंगे नए कुलपति, अभ्यर्थियों से मांगे आवेदन; राज्यपाल ने भी की टिप्पणी