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    Chamki Fever: चमकी बुखार और जेई को लेकर अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग, इन लक्षणों से करें बीमारी की पहचान, ये है बचाव का तरीका

    Updated: Tue, 02 Apr 2024 01:52 PM (IST)

    Bihar Health News चमकी बुखार व जेई को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर आ गया है। विभाग ने इसकी रोकथाम प्रसार तथा उपचार को लेकर सभी अस्पतालों में प्रबंध करने का निर्देश दिया है। इसके लिए सभी प्रखंडों के बीसीएम व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रखंड स्तर पर आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज। चमकी बुखार व जेई को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर आ गया है। विभाग ने इसकी रोकथाम, प्रसार तथा उपचार को लेकर सभी अस्पतालों में प्रबंध करने का निर्देश दिया है। इसके लिए सभी प्रखंडों के बीसीएम व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।

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    प्रखंड स्तर पर आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिले के शिक्षकों, स्वयं सहायता समूह एवं जनप्रतिनिधियों को सहयोग करने की अपील की गयी है।

    साथ ही प्रत्येक पीएचसी को एईएस किट तैयार रखने का निर्देश दिया गया है। ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मरीजों को तुरंत दवा मुहैया कराई जा सके।

    अप्रैल से जुलाई तक तक दिखता है अधिक प्रकोप

    जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. सुषमा शरण ने बताया कि गर्मी के मौसम में बच्चों को अधिक सावधानी बरतनी आवश्यक है। इसी समय में एइएस-चमकी रोग के बढ़ने की ज्यादा संभावना बनी रहती है।

    अप्रैल से जुलाई तक के महीनों में छह माह से 15 वर्ष तक के बच्चों में चमकी की संभावना ज्यादा होती है। उन्होंने बताया कि चमकी के लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाएं।

    स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा का स्टाक रखने का निर्देश

    स्वास्थ्य विभाग ने तमाम स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरएस के पाउडर व पारासिटामोल की गोली पर्याप्त मात्रा में रखने का निर्देश दिया गया है। ताकि जिले में चमकी के प्रभाव को रोका जा सके।

    चमकी बुखार से बचाव को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। साथ ही मेडिकल टीमों को जन जागरूकता व मेडिकल व्यवस्था के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।

    चमकी से बचाव के तरीके

    • बच्चे को बेवजह धूप में घर से न निकलने दें।
    • गंदगी से बचें, कच्चे अधपके व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें।
    • ओआरएस का घोल, नींबू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
    • रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
    • बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।

    चमकी बुखार के लक्षण

    • लगातार तेज बुखार रहना।
    • बदन में लगातार ऐंठन होना
    • दांत पर दांत दबाए रहना
    • सुस्ती, कमजोरी की वजह से बेहोशी आना।
    • चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि न होना

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