Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Hathua-Bhatni Railway Section: कई सालों से बीच में लटका हथुआ-भटनी रेलखंड परियोजना का काम, अब लोगों की टूटने लगी आस

    पूर्वोत्तर रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक हथुआ-भटनी नए रेल खंड के निर्माण की योजना अब बीच में ही अटकी हुई है और इस परियोजना को विभागीय स्तर से हरी झंडी मिल चुकी है। बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे ने वर्ष 2005-06 में 79.4 किलोमीटर लंबी हथुआ-भटनी रेल लाइन को स्वीकृति दी थी और इतनी लंबी अवधि के बाद भी इस खंड पर 40 प्रतिशत काम पूरा हुआ है।

    By Mithilesh Tiwari Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Tue, 23 Apr 2024 04:53 PM (IST)
    Hero Image
    पंचदेवरी में बिछाया गया रेलवे का ट्रैक

    मिथिलेश तिवारी, गोपालगंज। Hathua-Bhatni Railway Section: पूर्वोत्तर रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक हथुआ-भटनी नए रेल खंड के निर्माण की योजना फंसी नजर आ रही है। विभागीय स्तर पर हरी झंडी मिलने के बाद भी यह परियोजना बीच राह में ही हांफ रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आलम यह कि लंबी अवधि बीतने के बाद भी इस खंड पर 40 प्रतिशत ही काम पूर्ण हो पाया है। पूर्वोत्तर रेलवे ने वर्ष 2005-06 में 79.4 किलोमीटर लंबी हथुआ-भटनी रेल लाइन को स्वीकृति दिया था।

    शुरूआती समय में तेजी से हुआ था रेल लाइन बिछाने का कार्य

    इस नई परियोजना से हथुआ को उत्तरप्रदेश के भटनी को रेल लाइन से जोड़ने की योजना के तहत जमीन अधिग्रहण का कार्य प्रारंभ किया गया। कुछ समय के बाद राशि का अभाव परियोजना पर भारी पड़ने लगा।

    वैसे नई रेलखंड की घोषणा के बाद जमीन का अधिग्रहण तथा नई रेल लाइन को बिछाने का कार्य शुरुआती समय में तेजी से किया गया। इसी रेल खंड पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद का गांव फुलवरिया तथा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का मायका सेलार कला भी है।

    लालू ने फुलवरिया से हथुआ तक रेलगाड़ियों के परिचालन को दिखाई थी हरी झंडी

    प्रथम फेज में इस खंड पर 26 गांवों के जमीन का अधिग्रहण किया गया। लालू प्रसाद के रेलमंत्री पद पर रहते हुए इस परियोजना पर काफी तेजी दिखी और जल्द ही 26 गांवों की जमीन का अधिग्रहण करने के बाद रेल लाइन बिछाने का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया। खुद लालू प्रसाद ने ही फुलवरिया से हथुआ तक रेल गाड़ियों के परिचालन को झंडी दिखाई थी।

    फुलवरिया से रेल गाड़ियों का परिचालन शुरू होने के बाद बथुआ से लेकर भटनी के बीच जिले की सीमा में स्थित 57 गांवों की जमीन का अधिग्रहण प्रारंभ किया गया लेकिन इस परियोजना में राशि के अभाव के कारण संकट की स्थिति पैदा होने लगी है। सूत्रों की मानें तो दूसरे फेज में इस खंड के कुल 57 में से 18 गांवों की जमीन के अधिग्रहण का कार्य ही पूर्ण किया जा सका।

    तब इस खंड पर बथुआ से आगे पंचदेवरी तक रेल का परिचालन प्रारंभ किया गया। लेकिन इसके आगे इस खंड के शेष बचे 39 गांवों के जमीन का अधिग्रहण करने का कार्य राशि के अभाव में फंस गया। विभागीय आंकड़ों की मानें तो इन गांवों की भूमि अधिग्रहण के लिए 1.81 अरब रुपये की दरकार है।

    पंचदेवरी तक हो रहा ट्रेन का परिचालन

    रेलवे के लिए भू-अर्जन विभाग के स्तर पर दूसरे फेज में अर्जित की गई 18 गांवों की जमीन पर निर्माण का कार्य वर्ष 2018 में पूर्ण कर लिया गया। ऐसे में पंचदेवरी तक गत वर्ष ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया। लेकिन पंचदेवरी के समीप भठवां गांव के आगे नई रेल लाइन के निर्माण का कार्य लंबे समय से फंसा हुआ है।

    नई परियोजना से आम लोगों को थी उम्मीदें

    करीब 18 साल पूर्व जब नई रेल परियोजना की घोषणा हुई तब लोगों को इस खंड से काफी उम्मीदें दी। आम लोगों को भटनी तक जाने के लिए नया रूट मिलने से पड़ोसी जिले सिवान तक जाने के झंझट से मुक्ति मिलनी तय थी। लेकिन लंबे समय से इस परियोजना के फंसे रहने से लोगों की उम्मीदें टूटने लगी है।

    ये भी पढ़ें-

    अब बिजली बिल को लेकर नहीं होगी झिकझिक: गांव में भी लगेगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर, रीडिंग में गड़बड़ी की शिकायत खत्‍म

    अरामदायक होगा भागलपुर-दानापुर, जनसेवा व वनांचल एक्सप्रेस का सफर, लगाए जाएंगे एलएचबी कोच