Gopalganj News: झमाझम हुई बारिश से सदर अस्पताल बना तालाब, इमरजेंसी वार्ड नए भवन में शिफ्ट
गोपालगंज में भारी बारिश के कारण सदर अस्पताल जलमग्न हो गया जिससे मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को भारी परेशानी हुई। इमरजेंसी वार्ड में पानी भरने से मरीजों को नए मॉडल अस्पताल भवन में शिफ्ट किया गया। बिजली कटौती और जलभराव के कारण मरीजों को फर्श पर समय बिताना पड़ा। अस्पताल प्रशासन ने जल निकासी के स्थायी समाधान के लिए विभागीय स्तर पर प्रस्ताव भेजा है।

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। जिले में शुक्रवार की रात से शुरू हुई झमाझम वर्षा ने शहर की व्यवस्था को भी अस्त-व्यस्त कर दिया। भारी वर्षा के कारण सदर अस्पताल परिसर पूरी तरह से जलमग्न हो गया।
अस्पताल के मुख्य द्वार से लेकर ओपीडी व इमरजेंसी वार्ड तक पानी भर गया। इससे मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वर्षा का पानी इमरजेंसी वार्ड के चिकित्सा कक्ष में घुस गया। बेड तक पानी पहुंच जाने से मरीजों की स्थिति दयनीय हो गई।
इसके बाद अस्पताल उपाधीक्षक व अस्पताल प्रबंधक ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए नए माडल अस्पताल भवन में इमरजेंसी वार्ड को शिफ्ट कराया, जिससे मरीजों को राहत मिली।
वर्षा के बाद इमरजेंसी वार्ड मरीजों व उनके स्वजन ने मजबूरी में फर्श पर समय बिताया। बिजली व्यवस्था भी बाधित हो गई, जिसके कारण कई घंटे तक पंखे व अन्य विद्युत उपकरण बंद रहे।
वार्ड में भर्ती मरीजों को मच्छरों और दुर्गंध का भी सामना करना पड़ा। स्थिति गंभीर होती देख अस्पताल प्रशासन हरकत में आया। अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. शशी रंजन प्रसाद व प्रबंधक जान मोहम्मद ने स्थिति का जायजा लिया।
उन्होंने तत्काल निर्णय लेते हुए इमरजेंसी वार्ड को पुराने भवन से हटाकर नए अस्पताल भवन में शिफ्ट करने का आदेश जारी किया। नए भवन में शिफ्टिंग के बाद मरीजों और उनके स्वजन को कुछ राहत मिली।
यहां व्यवस्था अपेक्षाकृत बेहतर रही और मरीजों के इलाज की प्रक्रिया दोबारा सुचारू रूप से शुरू की गई। हालांकि जलभराव की समस्या अभी भी अस्पताल के अन्य हिस्सों में बनी हुई है।
स्थायी समाधान की जरूरत
अस्पताल परिसर में जमा पानी की निकासी के लिए नगर परिषद व अस्पताल की साफ सफाई करने वाली टीम को सूचना दी गई है। अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया कि हर साल वर्षा के मौसम में सदर अस्पताल में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
इसके स्थायी समाधान के लिए कई बार विभागीय स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अगर ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं किया गया, तो भविष्य में भी ऐसी स्थिति दोहराई जा सकती है।
स्थानीय लोगों ने भी जिला प्रशासन से अपील की है कि सदर अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण संस्थान में बेहतर जल निकासी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि मरीजों को इस तरह की परेशानी न उठानी पड़े।
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