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Gopalganj News: तकनीक के सहारे स्वावलंबन की राह पर किसान, परंपरागत खेती से कृषकों को हो रहा मोह भंग

खेती में लगातार बढ़ती लागत को देखते हुए किसान अब आधुनिक तकनीक के सहारे खेती की ओर जाने लगे हैं। इसके लिए किसानों ने वैकल्पिक खेती के तौर पर मधुमक्खी पालन से लेकर मछली पालन मशरूम उत्पादन सब्जी की खेती आदि की दिशा में मुड़ रहे हैं। इसके लिए कृषि विभाग ने भी किसानों को प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया है।

By Mithilesh Tiwari Edited By: Prateek Jain Published: Tue, 16 Jan 2024 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2024 08:12 PM (IST)
Gopalganj News: तकनीक के सहारे स्वावलंबन की राह पर किसान, परंपरागत खेती से कृषकों को हो रहा मोह भंग

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। खेती में लगातार बढ़ती लागत को देखते हुए किसान अब आधुनिक तकनीक के सहारे खेती की ओर जाने लगे हैं। इसके लिए किसानों ने वैकल्पिक खेती के तौर पर मधुमक्खी पालन से लेकर मछली पालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी की खेती आदि की दिशा में मुड़ रहे हैं।

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इसके लिए कृषि विभाग ने भी किसानों को प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसान वैकल्पिक उपायों के माध्यम से बेहतर आमदनी प्राप्त कर खुद के साथ ही अपने गांव को भी समृद्ध बना रहे हैं। एक समय में जिले में पारंपरिक खेती के रूप में धान व गेहूं की खेती की जाती थी।

गन्ने की खेती करते थे किसान

नकदी फसल के रूप में किसान गन्ने की खेती करते थे। लेकिन गन्ने की खेती जिले के सभी प्रखंडों में नहीं होती थी। समय के साथ खेती में लगातार बढ़ती लागत को देखते हुए किसानों का परंपरागत खेती से मोह भंग होने लगा। आधुनिक कृषि यंत्रों के आने के बाद किसानों ने आधुनिक तकनीक से धान व गेहूं की खेती कर अच्छी पैदावार लेना प्रारंभ किया।

इसके बाद अब किसान वैकल्पिक खेती की ओर ध्यान देने लगे हैं। इसके लिए किसानों को उद्यान विभाग की ओर से लगातार वैकल्पिक खेती के अलावा अन्य उत्पादों के प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है। इसके तहत मशरूम, वर्मी कम्पोस्ट, जैविक खेती, जल प्रबंधन, मछली पालन, बागवानी, आर्गेनिक खेती आदि शामिल है।

इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जा रहा है। अबतक जिले के 20 हजार से अधिक किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पांच सौ से अधिक किसान मछली पालन कर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार सैकड़ों किसान घरेलू उत्पाद के रूप में मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं।

आधुनिक कृषि यंत्र के सहारे अधिक उत्पादन की कवायद 

वर्तमान समय में जिले के किसान आधुनिक कृषि यंत्रों के सहारे अधिक से अधिक पैदावार करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

मौजूदा समय में किसान हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, जीरो टिलेज, सीड ड्रील आदि आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल करते हुए खेती करने में लगे हैं।

इसके अलावा अनेक किसान जैविक खेती के साथ ही सब्जी की खेती करने में लगे हैं। दियारा इलाके के किसान भी सब्जी की खेती कर अपनी स्थिति को बेहतर बनाने में जुटे हैं।

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