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    Bihar Election 2025: बिहार में इस विधानसभा की जनता ने सभी दलों को दिया मौका, बसपा और निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी मारी बाजी

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 11:56 AM (IST)

    गोपालगंज विधानसभा सीट पर बिहार चुनाव की तैयारी तेज है। यहाँ मतदाताओं ने कांग्रेस जनता पार्टी राजद भाजपा बसपा जैसे दलों को मौका दिया है। दो बार निर्दलीय प्रत्याशी भी जीते हैं। कांग्रेस को सबसे अधिक छह बार जीत मिली है वहीं भाजपा लगातार पांच बार जीती है। 2000 में राजद के अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव ने जीत दर्ज की थी।

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    यहां वोटरों ने सबको दिया मौका, निर्दलीय को भी लगाया गले

    मिथिलेश तिवारी, गोपालगंज। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है। चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन तथा महागठबंधन में शामिल दलों के साथ ही सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए अपनी अपनी रणनीति पर काम करने लगे हैं।

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    जनता भी अब चुनावी मूड में आने लगी है। गोपालगंज विधानसभा सीट पर अब तक हुए चुनाव में यहां के वोटरों ने चुनाव मैदान में उतरने वाले तमाम राजनीतिक दलों को मौका दिया है। इसके साथ ही दो बार निर्दलीय प्रत्याशियों को भी गले लगाया है।

    1980 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे चर्चित काली प्रसाद पांडेय तथा इसके अगले चुनाव 1985 में निर्दलीय प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह को अपना समर्थन देकर वोटरों ने विधायक चुना।

    1952 से लेकर अब तक गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि यहां कांग्रेस, जनता पार्टी, जनता दल, राजद, भाजपा, बसपा व सोशलिस्ट पार्टी के साथ निर्दलीय प्रत्याशियों को भी जीत मिली है। अब तक के चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि गोपालगंज विधानसभा सीट से सबसे अधिक छह बार कांग्रेस को जीत मिली है।

    जीत के मामले में लगातार पांच जीत से के साथ दूसरे नंबर पर भाजपा रही है। यहां के वोटरों ने सोशलिस्ट पार्टी तथा बसपा के सिर पर भी जीत का सेहरा बांधा है। साल 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के हरिशंकर सिंह को जीत मिली थी तो 1977 के चुनाव में जनता पार्टी की राधिका देवी निर्वाचित हुईं।

    इसी तरह साल 2005 के फरवरी में हुए चुनाव में बसपा के रेयाजुल हक राजू को जीत मिली। साल 2000 के चुनाव में वोटरों ने राजद के अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव को जीता कर राजद का भी खाता खोला। इस सीट पर दो बार निर्दलीय प्रत्याशियों पर वोटर अपना भरोसा जता चुके हैं।

    कब किसको मिली जीत

    वर्ष विजयी दल का नाम
    1952 कमला राय कांग्रेस
    1957 कमला राय कांग्रेस
    1961 सत्येंद्र नारायण सिंह कांग्रेस
    1962 अब्दुल गफूर कांग्रेस
    1967 हरिशंकर सिंह सोशलिस्ट पार्टी
    1971 रामदुलारी सिन्हा कांग्रेस
    1972 रामदुलारी सिन्हा कांग्रेस
    1977 राधिका देवी जनता पार्टी
    1980 काली प्रसाद पांडेय निर्दलीय
    1985 सुरेंद्र सिंह निर्दलीय
    1990 सुरेंद्र सिंह जनता दल
    1995 रामावतार जनता दल
    2000 अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव राजद
    2005 (फरवरी) रेयाजुल हक राजू बसपा
    2005 (अक्टूबर) सुभाष सिंह भाजपा
    2010 सुभाष सिंह भाजपा
    2015 सुभाष सिंह भाजपा
    2020 सुभाष सिंह भाजपा
    2022 (उपचुनाव) कुसुम देवी -

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