लेशी सिंह का अभेद किला बना धमदाहा, दीदियों से दिल की बात ने फेल किए विपक्षियों के प्लान
पूर्णिया के धमदाहा में चुनावी माहौल गरमा गया है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह का क्षेत्र विपक्ष के लिए अभेद्य है। मंत्री लेशी सिंह महिला सशक्तिकरण और सरकारी योजनाओं को महिलाओं तक पहुँचाने के लिए दीदियों से दिल की बात अभियान चला रही हैं। इस कार्यक्रम में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया है।

प्रकाश वत्स, पूर्णिया। सीमांचल की सबसे वीआईपी सीट धमदाहा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी तपिश कुछ ज्यादा ही बढ़ी हुई है। बिहार सरकार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री सह कद्दावर लेशी सिंह का यह क्षेत्र विपक्षियों के लिए अभेद्य दुर्ग बना हुआ है।
हर चुनाव से पहले बड़े राजनीतिक मुद्दे की तलाश यहां होती है, लेकिन विकास की बड़ी दीवार के साथ-साथ मंत्री की जमीनी पकड़ के आगे विपक्षियों का मुद्दा टांय-टांय फिस्स हो जाता है।
इधर हाल में इंटरनेट मीडिया पर धमदाहा विधानसभा क्षेत्र को लेकर बेटी नहीं बेटा का शोर मचाने का प्रयास किया गया। यह मंत्री द्वारा पूर्व से अपने क्षेत्र में दीदियों से दिल की बात अभियान चलाए जाने का काट के रूप में उपयोग किया गया था।
इधर, पीएम के मां के अपमान के शोर में विपक्षियों की यह चाल और कमजोर पड़ गई और दीदियों से दिल की बात का जोर और बढ़ गया।
मंत्री का यह अभियान महिला सशक्तिकरण को सरकार की संचालित योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचाने की एक कवायद थी।
इस जरिए सरकार की योजनाओं से महिलाओं की स्थिति में लगातार हो रहे सुधार के साथ-साथ महिलाओं से भावनात्मक जुड़ाव का एक प्रयास भी था। यह अभियान अभी भी जारी है।
इसमें पंचायत व नगर निकाय में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण से लेकर सरकारी सेवा में 35 फीसद आरक्षण सहित लगातार महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर सरकार की चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी मंत्री द्वारा दी जा रही है।
इस कार्यक्रम की खासियत यह है कि इसमें पुरुष का प्रवेश निषेध होता है। इधर इसी अभियान के बीच विपक्षियों का स्टंट शुरु ही हुआ था कि प्रधानमंत्री के मां का अपमान का मुद्दा पूरे देश में छा गया। मंत्री लेशी सिंह के इस अभियान को इस मुद्दे से एक बड़ा शोर भी मिल गया है।
महिलाओं के सम्मान से जुड़े इस मुद्दे के आगामी विधानसभा चुनाव पर व्यापक असर होने की संभावना राजनीतिक प्रेक्षक भी जता रहे हैं।
विशेषकर एनडीए के लिए शुरु से मजबूूत आधार बना आधी आबादी का वोट एक बार फिर साथ होने की संभावना भी जतायी जाने लगी है।
निश्चित रुप से एनडीए के अन्य प्रत्याशियों के साथ मंत्री लेशी के लिए भी यह स्थिति अनुकूल बनेगी। यही नहीं इस मुद्दे के जोर पकड़ने के बाद बेटा-बेटी वाला स्टंट भी पूरी तरह धाराशायी हो चुका है।
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