18 साल से इस परिवार का समाज में हुक्का-पानी है बंद, जानिए
बिहार के गया जिले में 18 साल पहले एक परिवार का समाज में हुक्का-पानी बंद है। यह तुगलकी फरमान वर्ष 1998 में लगाया गया था।
गया [जेएनएन]। बिहार के गया जिले के मानपुर पटवाटोली आइआइटी की फैक्टी के रूप में जाना जाता है लेकिन यहां एक ऐसा मामला सामने अाया है जो इस तालिबानी प्रवृति को दर्शाता है। यहां के एक परिवार का 18 साल से समाज में हुक्का-पानी बंद है। परिवार पर यह प्रतिबंध 1998 में लगाया गया था जो अभी तक बरकरार है।
समाज द्वारा लगाया गया यह तुगलकी फरमान देश के संविधान व कानून से भी अब तक बड़ा साबित हो रहा है।इस बारे में पीड़ित द्वारा स्थानीय थाना पुलिस से लेकर मानवाधिकार आयोग तक गुहार लगाया गया है, लेकिन कहीं उसकी आवाज नहीं सुनी गई।
पीड़ित परिवार अपने ही समाज का तुगलकी फरमान बीते 18 वर्ष से झेलता चला आ रहा है। बीते 18 वर्ष से समाज की प्रताड़ना झेल रहा यह परिवार अंदर- अंदर ही घुटन भरी जिंदगी जीने को मजबूर है।
यह भी पढ़ें: पत्नी ने अपने पति की विधवा से करा दी शादी, वजह जान हैरान हुए लोग
पीडि़त परिवार के मुखिया एक कारोबारी है और उसका कारोबार चल भी रहा है, पर उसमें समाज के लोगों की हिस्सेदारी नहीं है। 18 साल में उनके घर एक नई पीढ़ी भी आ चुकी है और वह नई पीढ़ी भी प्रतिबंध का घुटन महसूस कर रही है।
यह भी पढ़ें: प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की रिलेटिव है 'साहेब बीवी और गैंगस्टर' की ये एक्ट्रेस, जानिए