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    शक्ति पीठ मां मंगला गौरी मंदिर: यहां गिरा था सती के स्तन का टुकड़ा

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 30 Mar 2017 08:18 PM (IST)

    बिहार के गया जिले में सिद्धपीठ के रूप में स्थित मां मंगलागौरी का मंदिर है जहां देवी सती के स्तन का टुकड़ा गिरा था। मान्यता है कि मां मंगलागौरी सबकी मनोकामना पूरी करती हैं।

    शक्ति पीठ मां मंगला गौरी मंदिर: यहां गिरा था सती के स्तन का टुकड़ा

     गया [जेएनएन]। भस्मकुट पर्वत पर शक्ति पीठ मां मंगला गौरी का मंदिर है। इस पर्वत पर मां मंगलागौरी मंदिर के गर्भगृह में मां सती के स्तन का एक टुकड़ा है। इसलिए मां मंगला गौरी मंदिर को शक्तिपीठ मंदिर के रूप जाना जाता है। इस मंदिर में मां मंगला की अदभुत प्रतिमा स्थापित है।

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    भगवान भोले शंकर जब अपनी पत्नी सती का जला हुआ शरीर आकाश में उद्विग्न होकर घूम रहे थे तो इसी क्रम में मां सती के शरीर का टुकड़ा देश के 51 स्थानों पर गिरा था। जिसे बाद में शक्ति पीठ के रूप में जाना गया। उस समय 51 स्थानों पर गिरे ह़ुए टुकड़ा में स्तन का एक टुकड़ा गया के भस्मकुट पर्वत पर गिरा था।

    मान्यता है कि इस मंदिर में आकर जो भी सच्चे मन से मां की पूजा व अर्चना करते है, मां उस भक्त पर खुश होकर उसकी मनोकामना को पूर्ण करती है। ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा करने वाले किसी भी भक्त को मां मंगला खाली हाथ नहीं भेजती है।   इस मंदिर में ऐसे तो सालों भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।

    मां मंगलागौरी मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ हर मंगलवार को लगती है। परंतु, नवरात्रा के दौरान दिन भर काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर के परिसर में नवरात्रा के दौरान दर्जनों श्रद्धालु व पंडित रोजाना आकर मां दुर्गा सप्तशती का भी पाठ करते है। ऐसे तो हर दिन मंदिर की साफ-सफाई होती है। और फूल व माला से सजाया जाता है। परंतु, नवरात्र के दौरान मां मंगला मंदिर की खुबसूरती और भी बढ़ जाती है।

    मंदिर के गर्भगृह में कई दशक से दीपक जल रही है। इस मंदिर में सिर्फ यहां के नहीं बल्कि विदेशी भी आकर मां मंगला गौरी में पूजा अर्चना करते हैं। मां मंगलगौरी मंदिर में पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं को सीढ़ी चढ़कर उपर जाना पड़ता है। 

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    पहले आने में लगता था डर

    एक समय था जब भस्मकुट पर्वत पर स्थापित मां मंगलागौरी मंदिर में श्रद्धालुओं को काफी डर लगता था। परंतु, अब श्रद्धालुओं को मंदिर के गर्भगृह तक जाने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है। अब इस मंदिर में दिन ही नहीं देर रात तक श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। 

    चार को महानिशा पूजा

    मंदिर के पुजारी लखन बाबा उर्फ लाल बाबा ने बताया कि चार अप्रैल को महाष्टमी निशा पूजा की जाएगी। उस दिन भंडारा का भी आयोजन किया जाएगा। इस मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी संख्या में भीड़ देर रात तक लगती है। भीड़ अधिक होने के कारण पुलिस बल की तैनाती भी जाती है। महाष्टमी व्रत व मां मंगला की पूजा की जाएगी। उसके पांच अप्रैल को पूर्णाहुति, हवन व कुमारी कन्याओं का पूजन किया जाएगा। 

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