Bihar News: गयाजी में पहुंचे 28 लाख से अधिक श्रद्धालु, अंबानी से लेकर राष्ट्रपति तक ने किया पिंडदान
गयाजी में पितृपक्ष का पर्व संपन्न हुआ जिसमें राष्ट्रपति राजनेताओं और आम नागरिकों समेत देश भर से आए लोगों ने पिंडदान किया। फल्गु नदी के तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। इस वर्ष युवाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। जिला प्रशासन के अनुसार मेले में 28 लाख से अधिक श्रद्धालु आए। ऑनलाइन पिंडदान का विरोध भी देखा गया पर कुछ लोगों ने ऑनलाइन कर्मकांड किया।

कमल नयन, गयाजी। पितृपक्ष का पर्व संपन्न हो गया है, जिसमें पितरों को तृप्त करने के लिए देशभर से लोग गयाजी आए। यहां आम जनता से लेकर उच्च पदस्थ अधिकारी, राजनेता, मंत्री और राष्ट्रपति तक ने गयाजी की भूमि को नमन किया। यह भारतीय परंपरा की जीवंतता को दर्शाता है।
पितृपक्ष का यह पर्व पहले बूढ़े-बुजुर्गों द्वारा पिंडदान के कर्मकांड के रूप में मनाया जाता था, लेकिन अब इसमें युवाओं की भीड़ भी शामिल हो गई है। फल्गु नदी के तट पर अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई, जहां तीर्थपुरोहितों द्वारा पिंडदान की सुफल यात्रा की कथा सुनाई दी।
इससे पहले पितृपक्ष में गयाजी की भूमि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने पितरों को पिंडदान कर तृप्त किया। पुत्र अनंत अंबानी के साथ आए रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी ने भी यहां कर्मकांड किए। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी अपने पितरों को तृप्त किया, उनके साथ पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी थे।
विदेशियों ने भी फल्गु में तर्पण और पिंडदान किया। अंतिम दिन उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी जलांजलि देने के लिए गयाजी आए। प्रवचनकर्ता धीरेन्द्र शास्त्री और ओडिसी नृत्यांगना कविता द्विवेदी ने भी गयाजी को नमन किया।
इस 15 दिन के आयोजन में श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच राज्य सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा ऑनलाइन पिंडदान को नकारा गया। पिछले पांच वर्षों से इसका प्रचार किया जा रहा था, लेकिन गयापाल पंडा द्वारा इसका विरोध किया गया।
केवल अमेरिका के शिकागो से एक श्रद्धालु ने आनलाइन कर्मकांड संपन्न कराया। जिला प्रशासन ने पितृपक्ष मेला में आने वालों की भीड़ का आंकलन फुट काउंटिंग मशीन से किया, जो 28 लाख 50 हजार 105 तक पहुंचा। प्रशासन ने बताया कि टेंट सिटी में 14 हजार 397 लोगों ने आवासन किया और 644 व्हील चेयर की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
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