गयाजी में राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मु ने किया पिंडदान, विष्णुपद मंदिर में की पूजा, राज्यपाल भी आरिफ मोहम्मद खान भी साथ में
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गयाजी की पावन भूमि पर पहुंचकर विष्णुपद मंदिर में पिंडदान किया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने उनका स्वागत किया। उन्होंने अपने पूर्वजों के मोक्ष और मुक्ति के लिए पिंडदान किया और श्री हरि के चरणों पर पिंड अर्पित करेंगी। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उनका यह पहला पिंडदान है।

नीरज कुमार, गयाजी। मोक्ष और ज्ञान की भूमि गयाजी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को विष्णुपद मंदिर परिसर में अपने पितरों को मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान की। सनातनी पद्धति से राष्ट्रपति ने अपने कुल के पिता-माता, सास-ससुर और दो बेटों सहित सात कुल के दिवंगत हो चुके स्वजनों के आत्मा की शांति और मोक्ष दिलाने के लिए पूरे विधि विधान से पिंडदान का कर्मकांड श्रद्धा से की।
ओड़िशा राज्य के गयापाल पुरोहित राजेश कटियार, बाबूलाल झंकर ने सनातनी पद्धति से राष्ट्रपति को पिंडदान व कर्मकांड कराएं। गयापाल पुरोहित ने बताया कि राष्ट्रपति ने सर्वप्रथम अपने दोनों कुल के दिवंगत लोगों का आह्वान करते हुए उन्हें गयाजी बुलाएं। उसके बाद बारी-बारी अपने कुल के दिवंगत लोगों के नामों का उच्चारण करते हुए उनकी मोक्ष और आत्मा की शांति के लिए पिंडदान की। पिंडदान करने के बाद गौदान भी किया गया। उसके बाद राष्ट्रपति ने पूर्वजों के नाम से दिए गए पिंड को विष्णुपद मंदिर में स्थित जगत के पालनहार श्रीहरि के चरण पर अर्पित की। उनके पितरों को मोक्ष, शांति दिलाने के लिए दोनों हाथ जोड़कर श्रीहरि से कामना की। उसके बाद राष्ट्रपति ने अक्षय वृक्ष पहुंची, जहां भी पिंड अर्पित करते हुए प्रणाम की।
राष्ट्रपति ने फल्गु नदी में पिंड को अर्पित करने के लिए अपने पुरोहित को दिया। जिसे पुरोहित ने फल्गु नदी में पूजा-सामग्री और पिंड को प्रवाहित की। राष्ट्रपति ने गयापाल पुरोहित से सुफल ली और पुरोहित को गुप्त दान दी है। राष्ट्रपति ओडिशा राज्य के मयूरगंज जिला के रायदगपुर थाना क्षेत्र के अधड़बंध पोस्टर पहाड़पुर गांव की रहने वाली हैं। जानकारी हो कि राष्ट्रपति दिल्ली से विशेष विमान से अंतरराष्ट्रीय गया हवाई अड्डा पहुंचीं।
जहां केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एवं बिहार सरकार की ओर से सहकारिता मंत्री डा.प्रेम कुमार ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किए। गया एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच गयाजी स्थित विष्णुपद मंदिर पहुंचीं थी। जहां कर्मकांड किया गया। राष्ट्रपति मंदिर परिसर में करीब दो घंटे तक पूरे विधि विधान से पिंडदान व कर्मकांड की। इसके बाद पुन: गया एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
प्रमुख बिंदु
- ऐतिहासिक अवसर: राष्ट्रपति पद पर रहते हुए द्रौपदी मुर्मु का यह पहला पिंडदान है, जो गयाजी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है।
- विष्णुपद मंदिर में अनुष्ठान: राष्ट्रपति ने विष्णुपद मंदिर के प्रांगण में पिंडदान किया और बाद में गर्भगृह में श्री हरि के चरणों पर पिंड अर्पित करेंगी।
- सुरक्षा व्यवस्था: गया में कड़ी सुरक्षा के बीच राष्ट्रपति का काफिला विष्णुपद मंदिर पहुंचा, जहां यातायात के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे।
- पितृपक्ष मेला: गयाजी में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु पिंडदान के लिए आते हैं।
- पूर्वजों का मोक्ष: पिंडदान का उद्देश्य पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति है।

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