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    Chhath puja 2023: गया के प्राचीन सूर्यकुंड सरोवर में भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे छठव्रती, तैयारियों में जुटा प्रशासन

    By sanjay kumarEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Wed, 15 Nov 2023 06:07 PM (IST)

    गया शहर के अति प्राचीन सूर्यकुंड सरोवर में छठ पर्व की तैयारियों जोरों पर चल रही है। छठ पर्व को लेकर नगर निगम द्वारा सरोवर की साफ-सफाई की जा रही है। इससे छठव्रतियों को अर्घ्य देने में किसी तरह के परेशानी नहीं हो। सरोवर का पानी साफ करने के लिए फिटकरी डाला जा रहा है। इससे पानी पूरी तरह से साफ हो।

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    गया में विष्णुपद मंदिर स्थित सूर्यकुंड। (जागरण फोटो)

    जागरण संवाददाता, गया। बिहार के गया शहर के अति प्राचीन सूर्यकुंड सरोवर में छठ पर्व की तैयारियों जोरों पर चल रही है। छठ के दौरान सूर्यकुंड सरोवर में शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों से काफी संख्या में छठव्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य देते है।

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    छठ पर्व को लेकर नगर निगम द्वारा सरोवर की साफ-सफाई की जा रही है। इससे छठव्रतियों को अर्घ्य देने में किसी तरह के परेशानी नहीं हो। सरोवर का पानी साफ करने के लिए फिटकरी डाला जा रहा है। इससे पानी पूरी तरह से साफ हो।

    वहीं सरोवर का सीढ़ियों को भी सफाई किया रहा है, क्योंकि पानी के कारण सीढ़ियों पर काई जम गई है। छठ व्रतियों को अर्घ्य देने के दौरान पैर नहीं फिसले, इसके लिए सीढ़ियों पर जमे काई को साफ किया जा रहा है।

    नगर निगम सफाई पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि सरोवर अधिक पानी को देखते हुए बैकेटिंग किया गया जाएगा। इससे छठव्रती बैकेटिंग के अंदर ही अर्घ्य देंगे।

    अर्घ्य देने के लिए उमड़ती है भक्तों की भीड़

    सूर्यकुंड सरोवर में भगवान सूर्यदेव के अर्घ्य देने के लिए छठ व्रतियों को भीड़ उमड़ती है। सरोवर तक पहुंचने के लिए कई सकरी गलियों को श्रद्धालुओं को जाना पड़ता है। इससे श्रद्धालुओं को थोड़ी परेशानी होती है। सरोवर विष्णुपद मंदिर से उतर और देवघाट से पश्चिम दिशा में स्थित है।

    सरोवर के पास स्थित है सूर्यदेव मंदिर

    सरोवर के पास भगवान सूर्यदेव का मंदिर है। इसके कारण सरोवर में अर्घ्य देने के लिए छठ व्रतियों को भीड़ अधिक रहता है। वहीं, सरोवर में पर्याप्त मात्रा में पानी रहने से अर्घ्य देने में किसी तरह के परेशानी नहीं होती है।

    सूर्यदेव की प्रतिमा बेहद प्राचीन है। उनकी प्रतिमा काले पत्थर से बनी हुई है। छठ व्रती अर्घ्य देने के बाद सूर्यदेव का प्रतिमा का पूजा-अर्चना करते है।

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