जागरण संवाददाता, मोतिहारी। समाहरणालय स्थित राधाकृष्णन भवन में जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में फसल अवशिष्ट प्रबंधन को लेकर बैठक हुई।
संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि कहीं भी पराली जलाने की जानकारी प्राप्त होती है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करें।
इस प्रकार के किसानों को चिह्नित कर उनका किसान निबंधन को ब्लाक कर दें, ताकि उन्हें कृषि से संबंधित किसी योजना का लाभ नहीं मिल सके।
उन्होंने कहा कि पराली जलाना न केवल मृदा उत्पादकता को प्रभावित करता है, बल्कि इससे वायु प्रदूषण भी तेजी से हो रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल ही हितकर नहीं है।
किसानों को जागरूक करने का किया जाएगा काम
बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि फसल अवशेषों को खेतों में न जलाने के प्रति जागरूकता के लिए कार्य किए जा रहे हैं। गेहूं की फसल की कटाई प्रारंभ होने वाली है।
समान्यतः यह देखा जा रहा है किसानों द्वारा मजदूरों के अभाव में फसलों विशेषकर धान, गेहूं की कटनी के उपरांत फसल अवशेषों को खेतों में जला दिया जाता है।
किसानों द्वारा खेतों में फसल अवशेष को जलाने से मिट्टी, स्वास्थ्य तथा पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है। फसल अवशेष को खेतों में नहीं जलाने हेतु किसानों को जागरूक करना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग पंचायत स्तर पर आयोजित किसान चौपाल तथा अन्य कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को फसल अवशेष नहीं जलाने हेतु प्रेरित कर रहा है।
साथ ही खेतों में फसल अवशेष को जलाने के बदले खेत की सफाई हेतु बेलर मशीन का प्रयोग, फसल अवशेष को खेतों में जलाने के बदले वर्मी कम्पोस्ट बनाने हेतु किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी द्वारा इस संबंध में अंतर्विभागीय कार्य समूह के सभी पदाधिकारियों को निदेशित किया कि फसल अवशेष प्रबंधन का व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें।
साथ ही किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को फसल अवशेष जलाने से मिट्टी के पोषक तत्वों की होने वाली हानि के बारें में पंचायत स्तर पर किसानों को इसकी जानकारी दें।
किसानों पर निगरानी रखने का आदेश
- डीएम ने कहा कि फसल कटनी के समय क्षेत्रों में सभी कर्मी भ्रमणशील रहकर सतत निगरानी रखेंगे, ताकि कोई भी किसान फसल अवशेष को नहीं जलाएं।
- यदि कोई किसान फसल अवशेष को जलाते हुए पाया जाता है तो सरकार द्वारा प्राप्त निदेश के आलोक में वैसे किसान के पंजीकरण को ब्लॉक करने की कार्रवाई किया जाए।
- बैठक में उप विकास आयुक्त शंभु शरण पांडेय, जिला कृषि पदाधिकारी, कृषि एवं कृषि से संबंधित अन्य विभागों के पदाधिकारी, सिविल सर्जन, शिक्षा विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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