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    Bihar Kisan News: इस नई तकनीक से करें खेती, होगी 2 लाख प्रति माह की कमाई; कम खर्च में जबरदस्त मुनाफा

    किसान मेला के दूसरे दिन जर्दालू आम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र सबौर की उद्यान विज्ञानी डा. ममता कुमारी ने कहा कि बाग में किसान अपनी मनमर्जी नहीं करें। उसकी चाहत और जरूरत को ध्यान में रखें। जब जहां जो जरूरत हो उसके अनुरूप आप ढलें तभी सही लाभ मिलेगा। विभिन्न उत्पादों से संबंधित स्टाल किसानों के आकर्षण का केंद्र रहे।

    By Hirshikesh Tiwari Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 05 Mar 2025 03:52 PM (IST)
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    बिहार में नई तकनीक से खेती सीख रहे किसान (जागरण फोटो)

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। Bihar Kisan News: दैनिक जागरण द्वारा आयोजित दो दिवसीय किसान मेला मंगलवार को जिला कृषि कार्यालय स्थित किसान भवन में संपन्न हो गया। इसमें जिलेभर के किसानों ने हिस्सा लिया और स्टॉल लगाया। जिला कृषि पदाधिकारी प्रेम शंकर प्रसाद ने कहा कि नई तकनीक से खेती करें।

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    खेती करने की नई तकनीक पर चर्चा

    इससे प्रकृति और स्वास्थ तो बेहतर होगा ही, कम खर्च में आय भी अधिक होगी। अगर नई तकनीक से खेती करते हैं तो 2 लाख रुपये प्रति माह तक कमा सकते हैं। आत्मा के उपपरियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने लीची, घरेलु उत्पाद, खेती करने की नई विधि, अनसीजन में उपजा कर बेहतर आय कमाने वाली चीजों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के संचालन के लिए दैनिक जागरण ने उन्हें सम्मानित किया।

    बाग की चाहत और जरूरत का रखें ख्याल : डॉ. ममता

    किसान मेला के दूसरे दिन जर्दालू आम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र सबौर की उद्यान विज्ञानी डा. ममता कुमारी ने कहा कि बाग में किसान अपनी मनमर्जी नहीं करें। उसकी चाहत और जरूरत को ध्यान में रखें। जब जहां जो जरूरत हो उसके अनुरूप आप ढलें, तभी सही लाभ मिलेगा।

    बाग को साफ सुथरा रखें। तना को कीट से बचाने के लिए गहरा पेंट करें। मधु कीट की रोकथाम के लिए छिड़काव के तरीके और दवा आदि के बारे में भी विस्तार से जानकरी दी गई। जर्दालू की खूशबू और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आर्गेनिक उर्वरक का उपयोग करें। बराबर सिंचाई से बचें। समय पर सिंचाई करें।

    फल मक्खी से बचाव की दी जानकारी

    विज्ञानी ने फल मक्खी से बचाव की अद्भुत तकनीक किसानों को बताई। उन्होंने कहा कि मादा फल मक्खी का सुगंद ताड़ी की तरह होता है। ताड़ी को पेड़ के बीच में ग्लास में थोड़ा डालकर तीन-चार जगह रख दें। इससे नर फल मक्खी आकर्षित होकर वहां आ जाएगा और ग्लास में गिरने से डूब जाएगा।

    इस तरह हम फलों का बचाव कर सकते हैं। उन्होंने कीट से बचाव के लिए फलों में फेरामेन ट्रैप लगाने की भी बात कही।

    इन स्टॉलों ने किया आकर्षित

    विभिन्न उत्पादों से संबंधित स्टाल किसानों के आकर्षण का केंद्र रहे। जिले भर से आये किसानों ने स्टालों का भ्रमण किया और उसके बारे में जानकारी ली। जीविका सहित लोकल फार वोकल का संदेश देने वाले स्टालों पर किसानों की भीड़ ज्यादा रही। खादी का जगदीशपुर, शाहजंगी, बिहपुर का स्टाल लगा था, जिसमें सिल्क और तसर के भी कपड़े थे। बेबीकान के स्टाल पर पीरपैंती के किसान थे। चाय वाले काउंटर पर भी किसान गुणवत्तापूर्ण चाय का पैकेट खरीद रहे थे।

    इन किसानों को किया गया सम्मानित

    दैनिक जागरण ने किसान मेला के समापन के मौके पर दो दर्जन किसानों को सम्मानित किया। इसमें संजय चौधरी, स्वीटी कुमारी, खगेश मंडल, मनीष कुमार सिंह, कृष्णानंद सिंह, योगेंद्र प्रसाद सिंह, अभिषेक कुमार, राम नारायण सिन्हा, अनिल गुप्ता, पंकज कुमार, राकेश कुमार, विक्रम कुंवर, विनय कुमार, उमेश मंडल, अंगद राय कुमारी सपना, स्वर्ण संध्या भारती, मो. सज्जाद, दिलीप साह आदि शामिल थे।

    खास रहे स्टॉल

    बिहार राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा लगाए गए खादी उत्पादों के विशेष स्टाल दर्शकों और खरीदारों को खूब पसंद आए। हस्तशिल्प उत्पादों की भी प्रदर्शनी किसानों के बीच आकर्षण का केंद्र रही। खादी स्टाल पर खादी वस्त्र, सिल्क एवं काटन साड़ियों, जैविक रंगों से बने कपड़े, पुरुषों के लिए कुर्ते-पायजामे, जैकेट आदि पारंपरिक परिधान उपलब्ध थे। मेले में मिट्टी सुधार, जैविक खेती, कृषि यंत्रीकीकरण, पशुपालन और सहकारिता से जुड़े स्टाल भी लगाए गए।

    भूमि सर्वेक्षण को लेकर भी मिली जानकारी

    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्टॉल पर विशेष भूमि सर्वेक्षण और आनलाइन सेवाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गईं। किसानों को बुकलेट और पंपलेट के माध्यम से जानकारी दी गई। विशेष भूमि सर्वेक्षण की जानकारी देने के लिए विभिन्न माध्यमों समेत अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती की गई थी।

    भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण यानी जमीन से जुड़ी जानकारी को आनलाइन देखने और डाउनलोड करने की सुविधा, भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया में भूमि माप, सीमांकन, विवाद निपटान आदि की जानकारी दी गई।

    यहां अपनी भूमि का डिजिटल नक्शा प्राप्त करने की प्रक्रिया भू-अधिकार अभिलेख यानी जमीन के स्वामित्व, उपयोग और अन्य विवरणों की जानकारी के साथ आनलाइन सेवाओं की जानकारी, ऑनलाइन भू-अभिलेख देखने और डाउनलोड करने की सुविधा थी। दाखिल खारिज यानी जमीन खरीदने या विरासत में मिलने पर मालिकाना हक बदलवाने की प्रक्रिया की भी जानकारी दी गई।

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