Gau Palan Anudan: गाय पालने वाले खुश हो जाइए, नीतीश सरकार के इस ऑफर से हो जाएंगे मालामाल
पशुपालकों के दुधारू पशुओं का बीमा कराने पर आवेदक को बीमा के किस्त का सिर्फ 25 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा। जबकि 75 प्रतिशत भुगतान सरकार करेगी। यह बीमा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के गव्य निदेशालय की ओर से किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य पशुपालकों को गंभीर बीमारी और अन्य कारणों से मृत्यु होने की स्थिति में आर्थिक क्षति से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
जागरण संवाददाता, आरा। पशुपालकों के दुधारू पशुओं का बीमा कराने पर आवेदक को बीमा के किस्त का सिर्फ 25 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा। जबकि, 75 प्रतिशत भुगतान सरकार करेगी। इसे पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के गव्य निदेशालय की ओर से बीमा किया जाएगा।
जिला गव्य पदाधिकारी डा. अनिश नंदन ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य सभी वर्ग के पशुपालकों के दुधारू मवेशियों की बीमा कर गंभीर बीमारी जैसे लंपी त्वचा रोग, एचएसबीक्यू और अन्य कारणों से मृत्यु होने की स्थिति में पशुपालकों को होने वाले आर्थिक क्षति से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाना है।उन्होंने बताया कि पशुपालकों में जागरूकता का अभाव है। जबकि इसको प्रखंड स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाता है और इच्छुक पशुपालकाें को जानकारी दी जाती है।
दुधारू मवेशी का अधिकतम मूल्य 60 हजार निर्धारित
विभाग की ओर से किसी दुधारू मवेशी का अधिकतम मूल्य 60 हजार निर्धारित है। यह अलग बात है कि आजकल 60 हजार रुपये में दुधारु पशु कम मिलते हैं। बावजूद सरकार की ओर से 60 हजार रुपये के आधार पर पशुओं का बीमा कराने पर 75 प्रतिशत अनुदान मिलते हैं।
बीमा की कुल राशि 2100 रुपये होंगे
जिस पर 3.5 प्रतिशत की दर से बीमा की कुल राशि 2100 रुपये होंगे। इसमें राज्य सरकार द्वारा 75 प्रतिशत राशि 1575 रुपये अनुदान के रूप में दिया जाएगा। शेष 25 प्रतिशत राशि 525 रुपये बीमा कंपनी को पशुपालकों द्वारा भुगतान किया जाएगा। जिले में पशुधन पर आश्रित लोगों की संख्या करीब दो लाख है।
उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए आगे आना चाहिए। गव्य विकास निदेशालय की वेबसाइट डेयरी डाट बिहार डाट गवर्नमेंट हाट इन पर आनलाइन आवेदन करने होंगे। योजना का कार्यान्वयन जिला के जिला गन्य विकास पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा। बीमा कंपनी द्वारा दुधारू मवेशियों की बीमा एक वर्ष के लिए की जाएगी।
गौ पालन कैसे करें
गौ पालन एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है जिसमें गायों की देखभाल, पालन-पोषण और उनके दूध, मांस और अन्य उत्पादों का उपयोग शामिल है। यहाँ गौ पालन के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:
गायों की नस्ल चयन
- देसी नस्लों का चयन करें जो आपके क्षेत्र की जलवायु और भोजन के अनुसार उपयुक्त हों।
- उच्च दूध उत्पादन वाली नस्लों का चयन करें जैसे कि साहीवाल, गिर या रेड सिंधी।
आवास और स्वच्छता
- गायों के लिए स्वच्छ और हवादार आवास प्रदान करें।
- आवास की नियमित सफाई करें और गायों के मल-मूत्र को नियमित रूप से साफ करें।
आहार और पोषण
- गायों को उच्च गुणवत्ता वाला चारा और भोजन प्रदान करें।
- गायों को नियमित रूप से पानी पिलाएं और उनके लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था करें।
स्वास्थ्य देखभाल
- गायों की नियमित स्वास्थ्य जांच करें और उन्हें आवश्यक टीकाकरण और दवाएं प्रदान करें।
- गायों को नियमित रूप से कृमिनाशक दवाएं दें और उनके लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करें।
दूध उत्पादन और प्रबंधन
- गायों को नियमित रूप से दूध दोहन करें और दूध को स्वच्छ और सुरक्षित तरीके से संग्रहीत करें।
- दूध को नियमित रूप से परीक्षण करें और उसकी गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
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