Darbhanga News: दरभंगा में तालाबों को गंदा करना रेलवे को पड़ा महंगा, अब देना होगा 1.61 करोड़ का जुर्माना
प्राकृतिक जल स्रोतों को प्रदूषित करने को लेकर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है। दरभंगा शहर के ऐतिहासिक हराही तालाब में दरभंगा जंक्शन के गंदे पानी के बहाव को लेकर बोर्ड ने समस्तीपुर रेल मंडल पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है। तालाब बचाओ अभियान ने इसको लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पूर्वी क्षेत्र कार्यालय कोलकाता में मामला दायर किया था।

जागरण संवाददाता, दरभंगा। प्राकृतिक जल स्रोतों के रूप को बदलने या इसे प्रदूषित करने को लेकर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ा तेवर अपनाया है।
दरभंगा शहर के ऐतिहासिक हराही तालाब में दरभंगा जंक्शन के गंदे पानी के बहाव को लेकर बोर्ड ने समस्तीपुर रेल मंडल को जुर्माने के रूप में 1 करोड़ 61 लाख 12 हजार 500 रुपये जमा करने को कहा है।
तालाब बचाओ अभियान ने इसको लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पूर्वी क्षेत्र कार्यालय कोलकाता में मामला दायर किया था। बोर्ड ने रेलवे को यह राशि 15 दिनों के अंदर जमा करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है। साथ ही जंक्शन से निकलने वाले गंदे पानी का ट्रीटमेंट करने के लिए एसटीपी लगाने की कार्ययोजना भी मांगी है।
2022 में दायर की थी जनहित याचिका
बता दें कि हराही, दिग्घी और गंगासागर तालाब को अतिक्रमण और प्रदूषण मुक्त कर इसका सुंदरीकरण करने के लिए तालाब बचाओ अभियान ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पूर्वी क्षेत्र के कोलकाता कार्यालय में वर्ष 2022 में जनहित याचिका दायर की थी।
याचिका की सुनवाई में ट्रिब्यूनल ने एक जांच कमेटी का गठन किया था। इसमें दरभंगा जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, डीआरएम समस्तीपुर के अलावा सरकार के पर्यावरण विभाग के आठ प्रतिनिधियों को नामित किया था।
दिग्घी तालाब में गिरता रेलवे का गंदा पानी।
कमेटी ने 21 जनवरी 2023 को तीनों तालाबों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में पाया गया कि तालाब की भूमि अतिक्रमित है। रेलवे की ओर से शौचालय, भोजनालय, प्रतीक्षालय आदि से निकलने वाला गंदा पानी हराही और दिग्घी में बहाया जा हा था।
इसके साथ ही नगर निगम, निजी होटल आवास का भी गंदा पानी हराही और दिग्घी में बहाया जाता है। कमेटी के प्रतिवेदन के आलोक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ट्रिब्यूनल ने रेलवे स्टेशन के सिवरेज के गंदे पानी से हुए हराही और दिग्घी के जल तथा पर्यावरण की क्षति का आंकलन करने के लिए पहली अगस्त 2024 को आदेश दिया था।
प्रदूषण बोर्ड ने लगाया करोड़ों का जुर्माना
प्रदूषण बोर्ड ने जल और पर्यावरण की क्षति का आंकलन करते हुए कुल 1 करोड़ 61 लाख 12 हजार 500 रुपये भुगतान करने का प्रतिवेदन ट्रिब्यूनल के समक्ष 19 सितंबर 2024 को समर्पित किया था।
समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम को भी इसकी जानकारी दी गई थी और उनसे अनापत्ति पत्र मांगा गया था। रेलवे की ओर से जब कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, तब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विगत 20 जनवरी को लीगल नोटिस देकर 15 दिनों के अंदर एक करोड़ 61 लाख 12 हजार 500 रुपये जमा करने को कहा है।
नोटिस का तालाब बचाओ अभियान के संयोजक नारायणजी चौधरी ने स्वागत किया है।
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