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    Darbhanga News: नेताओं की लापरवाही पड़ेगी भारी, इन गांवों के लोग कर सकते हैं विधानसभा चुनाव का बहिष्कार

    भरडीहा और रैहपुरा के लोग नदी में पुल नहीं होने की वजह से काफी परेशानियों का सामने करना पड़ता है। ये लोग चचरी पुल बनाकर नदी पार करते हैं। वहीं बारिश के दिनों में वो भी बह जाता है जिसकी वजह से नाव से पुल पार करना पड़ता है। पुल नहीं बनने से आक्रोशित ग्रामीणों अब विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर सकते हैं।

    By Arun Kumar Rai Edited By: Divya Agnihotri Updated: Thu, 13 Feb 2025 01:10 PM (IST)
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    चचरी पुल के सहारे नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण

    संवाद सहयोगी, कुशेश्वरस्थान (दरभंगा)। कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के भरडीहा और रैहपुरा के लोगों को बांस की चचरी या फिर नाव से नदी पार करने के लिए विवश होना पड़ता है। इन गांव के लोगों की वर्षों से नदी में पुल बनाने की मांग पूरी नहीं हो रही है, जिससे ग्रामीणों में सरकार एवं जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश व्याप्त है। वहीं, अब स्थानीय लोगों द्वारा विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की भी बात कही जा रही है।

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    कमला नदी में पुल बनाने की मांग

    मालूम हो कि भरडीहा में कमला बलान नदी के उपधारा तथा रैहपुरा में कमला नदी में ग्रामीण पुल बनाने का वर्षों से मांग करते आ रहे हैं। नदी में पुल नहीं रहने से इन दोनों गांव के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है।

    खासकर बारिश के मौसम में यह समस्या और विकराल हो जाती है। ग्रामीण आपसी सहयोग से हर साल हजारों रुपये खर्च कर नदी में बांस का चचरी पुल बनाकर आवागमन करते हैं।

    बारिश के मौसम में बह जाता है चचरी पुल

    बाढ़ के दिनों में नदी में पानी का जलस्तर बढ़ने से हर साल बांस का चचरी पुल पानी के तेज धारा में बह जाता है। तब लोगों को नाव से नदी पार करना पड़ता है।

    नाव एवं चचरी पुल से नदी पार करने में हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है। फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर चचरी पुल और नाव से आने-जाने के लिए विवश हैं।

    चार पहिया वाहनों को तय करनी पड़ती है अतिरिक्त दूरी

    नदी में पुल नहीं रहने से जहां भरडीहा के लोगों को मुख्य सड़क तक आने में तीन से चार किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ती है। वहीं रैहपुरा के लोगों को मुख्य सड़क तक पहुंचने में छह-सात किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता हैं।

    वर्तमान में इन दोनों गांव के लोग बांस के चचरी पुल से होकर आवागमन कर रहे हैं। वहीं चार चक्का वाहन को गांव तक पहुंचने के लिए तीन से सात किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।

    22 हजार लोगों को होगा फायदा

    भरडीहा में पुल बनने से भरडीहा, पछियाररही, खलासिन , गुलरिया के लगभग 10 हजार तथा रैहपुरा में कमला नदी पर पुल बनने से रैहपुरा, पिपरा, महिसोट जुरौना गांव के करीब 12 हजार की आबादी को सीधा लाभ होगा और लोगों को समय की बचत होगी।

    लोकसभा चुनाव का बहिष्कार

    मई माह में हुए लोकसभा चुनाव में भरडीहा के लोगों ने पुल नहीं तो वोट नहीं की मांग को लेकर वोट बहिष्कार करने की घोषणा की थी।

    डीएम के निर्देश पर एसडीओ और पुल निगम के पदाधिकारी गांव पहुंच कर लोगों को जल्द पुल निर्माण कराने का आश्वासन देकर वोट कराने में सफल रहे, लेकिन पुल निर्माण की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

    विधानसभा चुनाव की भी करेंगे बहिष्कार

    इसके बाद लोग एक बार फिर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं। वहीं रैहपुरा के ग्रामीणों का वर्षों से विधायक एवं सांसद से पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आश्वासन के सिवा ग्रामीणों को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।

    हर चुनाव में उम्मीदवार पुल बनाने का आश्वासन देकर वोट ले लेते हैं और जीतने के बाद वादा भूल जाते हैं।

    भरडीहा के संतोष पौद्दार, छेदी यादव, शम्भू साह,रैहपुरा के कन्हैया साह, सच्चिदानंद सिंह,भोला मुखिया सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि पुल नहीं रहने से लोगों को आने जाने में भारी परेशानी होती है। लोग चचरी पुल या नाव से से नदी किसी तरह पार कर लेते हैं।

    बाइक या अन्य चार चक्का वाहन को गांव तक पहुंचने में अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। ग्रामीणों ने बताया कि आज तक पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि पुल बनाने का आश्वासन देकर सिर्फ ठगने का काम किया है, लेकिन अब ग्रामीण इन जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी के झूठे आश्वासन के झांसे में नहीं आएंगे।

    पुल निर्माण के लिए प्रस्ताव दिया गया है। इसकी स्वीकृति के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। बहुत जल्द पुल निर्माण की स्वीकृति मिल जाएगी।

    शांभवी चौधरी, सांसद, समस्तीपुर।

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