Makhana Board: बिहार में मखाना बोर्ड के गठन से किसानों को मिलेगा मंच, इन जिलों को होगा सबसे ज्यादा फायदा
बजट में वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन का एलान किया है जिसका फायदा प्रदेश के किसानों को मिलेगा। इससे छोटे-छोटे किसान भी अब आधुनिक मशीनों का प्रयोग कर सकेंगे। साथ ही किसानों को मखाने का उचित दाम भी मिलेगा। इससे न सिर्फ किसान बल्कि बिहार को भी समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी। मखाना प्रोसेसिंग कंपनियों को भी इसका फायदा मिलेगा।

मुकेश कुमार श्रीवास्तव, दरभंगा। केंद्रीय बजट में मखाना बोर्ड गठन के लिए राशि आवंटित होने का लाभ किसानों को मिलेगा। मखाना का मिथिला से अब और तेजी से संबंध बढ़ेगा। किसानों को भी मंच मिलेगा। इससे मिथिला की सूरत ही नहीं बदलेगी, बल्कि बिहार को भी समृद्ध बनाने में सहायक साबित होगा।
किसानों को मिलेगा उचित दाम
बोर्ड के गठन से मखाने की खेती और बाजार को अधिक लाभ मिलेगा। छोटे-छोटे किसान भी अब आधुनिक मशीनों का प्रयोग कर मखाना के उत्पादन और प्रसंस्करण क्षेत्र में स्वावलंबी बनेगे। किसानों को मखाने का उचित मूल्य मिलेगा।
किसान महेंद्र सहनी, त्रिवेणी सहनी, रामबली सहनी आदि का कहना है कि मखाना किसानों और इससे जुड़े व्यवसाय में मखाना बोर्ड का गठन अमृत साबित होगा।
मखाना बोर्ड के बनने से इसके व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गति मिलेगी। किसान और व्यवसायी अब बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होंगे। इसका अब प्रमुख डेटा स्रोत मिलेगा, जो सदैव सुरक्षित और नियंत्रित रहेगा।
किसानों की आय बढ़ेगी
वित्त विकास को बढ़ावा मिलेगा। जोखिम का प्रबंधन होगा और किसानों को लाभप्रदता सुनिश्चित की जाएगी। खुदरा व्यापारियों का भी भला होगा। उत्पादन विकास में तेजी लाने के लिए संसाधन में अब कमी नहीं आएगी। आर्थिक मदद के लिए कुशल रणनीति का क्रियान्वयन किया जाएगा।
मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाने के साथ किसानों को संगठित करने में मखाना बोर्ड कारगर साबित होगा। मखाना प्रोसेसिंग कंपनियों को भी विशेष फायदा होगा ।
उत्तर बिहार में मखाने की खेती में होगी वृद्धि
मखाना बोर्ड के गठन होने से मिथिला में मखाने की खेती में वृद्धि होगी। गेहूं और धान की खेती पर आश्रित किसानों को अब खेती का नया विकल्प मिलेगा।
दरभंगा सहित समस्तीपुर, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर जिले में मखाना की खेती होती है। इन जिलों के किसानों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
दरभंगा जिले में 875 सरकारी और गैर सरकारी तालाब से प्रतिवर्ष 7421.4 टन मखाना गुड़ी का उत्पादन होता है। इसकी खेती से एक लाख 25 हजार परिवार सीधे तौर पर जुड़े हैं।
इन देशों में होता है निर्यात
यहां से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान, इंग्लैंड आदि देशों में मखाना निर्यात किया जाता है। मखाना बोर्ड के गठन होने के बाद निर्यात में तेजी से बढ़ोतरी होगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। युवाओं में नए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
बड़े उद्योग का रूप लेगा मखाना : डा. इंदू शेखर
पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत मधुबनी जिले का चयन मखाना के लिए किया गया। पिछले दिनों दरभंगा एम्स के शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मिथिला क्षेत्र की मखाना का वर्णन किया था। अब मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा से यह बड़े उद्योग का रूप लेगा।
मखाना बोर्ड बनने से मधुबनी एवं दरभंगा जिले में मखाना बड़े उद्योग का रूप ले सकता है। इसके लिए किसानों एवं कृषि विभाग को जमीनी स्तर पर मेहनत करनी होगी।
डॉ. इंदू शेखर सिंह, राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा के निदेशक
मधुबनी और दरभंगा की मिट्टी में मखाना अधिक उपजाऊ, पौष्टिक और गुणवतापूर्ण होगा। एक एकड़ खेत में शुद्ध लाभ करीब डेढ़ लाख रुपये तक संभव है।
मनोज कुमार, केंद्र के विज्ञानी
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