Bihar News: दुष्कर्म केस में 20 साल की सजा, HC ने 57 मिनट की ऑडियो क्लिप सुनी तो 'वो' निर्दोष निकला
बिहार के दरभंगा से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां निर्दोष व्यक्ति को दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई। हाईकोर्ट से पीड़ित व्यक्ति को दोषमुक्त कर दिया गया है। इंसाफ देने के लिए अब सरकार पीड़ित को मुआवजा देगी। वहीं इस मामले में निर्दोष को दोषी साबित करने वाले अधिकारियों पर भी एक्शन लिया गया है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। नाबालिग से दुष्कर्म के केस में सजा काट रहे निर्दोष को दोषमुक्त किए जाने पर पुलिस मुख्यालय में खलबली मची है। इंसाफ देने के लिए अब सरकार पीड़ित को मुआवजा देगी। वहीं, पूरे मामले पर अब मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान ले लिया है।
इसे लेकर केस नंबर 18/4/10/2024 दर्ज है। इसमें निर्दोष को सजा दिलाने वाले पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई और मुआवजा को लेकर मांग की गई है।
हाईकोर्ट से दोषमुक्त
इसमें पीड़ित को उच्च न्यायालय से दोषमुक्त करने और डीजीपी विनय कुमार के निर्देश पर कमजोर वर्ग व अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक के गठित जांच टीम की रिपोर्ट पर दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर की गई कार्रवाई से संबंधित साक्ष्य को संकलन किया गया है।
पुलिस मुख्यालय ने किया अपना बचाव
इसे लेकर आयोग ने सरकार को तलब किया है। बताया जाता है कि पुलिस मुख्यालय ने आयोग के निर्देश से पहले दोषियों पर कार्रवाई कर अपना बचाव कर लिया है। अब मुआवजे को लेकर जैसे ही निर्देश प्राप्त होगा, उसे निर्गत करने के लिए अनुशंसा कर दी जाएगी।
मुआवजे की तैयारी पूरी
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों की माने तो मुआवजे की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। सिर्फ आयोग के पत्र का इंतजार किया जा रहा है। दरभंगा जिले के बहेड़ा थानाक्षेत्र निवासी मुकेश कुमार को यह इंसाफ सामाजिक कार्यकर्ता रविंद्रनाथ सिंह उर्फ चिंटू के कारण मिला है।
पीड़ित परिवार ने उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी। इलाके के लोगों ने भी आरोपित को निर्दोष बताया। इसके बाद चिंटू ने पूरे साक्ष्य के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
जहां हाईकोर्ट के खंडपीठ ने 28 नवंबर 2024 को सजायाफ्ता को दोषमुक्त कर दिया। इसके बाद स्वयं आवेदक बनकर डीजीपी से पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए गुहार लगाई और मानवाधिकार आयोग में भी आवेदन दिया।
2020 में हुई गिरफ्तारी
- बता दें कि मुकेश कुमार की गिरफ्तारी आठ अगस्त 2020 को हुई थी। दरभंगा पास्को कोर्ट ने 29 नवंबर 2023 को आरोपित को दोषी पाते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट से दोषमुक्त होने पर मुकेश तीन दिसंबर 2024 को दरभंगा जेल से बाहर आए।
- दरअसल, बहेड़ा थाना कांड संख्या 283/20 के अनुसंधानक जावेद आलम ने हाईकोर्ट में आरोपित को निर्दोष बताया था। कहा कि मुकेश पूरे मामले में निर्दोष है और उस गांव के दिनेश कुमार असली दोषी है, लेकिन वरीय पदाधिकारी के दबाव में मुकेश के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित कर दिया।
57 मिनट के ऑडियो क्लिप से दोषियों पर हुई कार्रवाई
नाबालिग से दुष्कर्म में 20 वर्ष की सजा काट रहे निर्दोष के लिए 57 मिनट का ऑडियो क्लिप अमृत साबित हुआ। इससे समाज के ठेकेदार और पुलिस पदाधिकारी की करतूत उजागर हुई। छह लाख रुपये नहीं देने के कारण कैसे निर्दोष को फंसाया जाता है, इसका भी पर्दाफाश हुआ।
इन पुलिस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
इसके तहत कांड के अनुसंधानक सहायक दारोगा जावेद आलम (वर्तमान में सारण जिले के अवतारनगर थानाध्यक्ष), तत्कालीन बहेड़ा थानाध्यक्ष सुनील कुमार (वर्तमान में पुलिस निरीक्षक, एसएसपी कार्यालय मधुबनी) को सारण और मधुबनी जिले के एसपी ने निलंबित किया है।
अब दोनों पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है। साथ ही कांड के पर्यवेक्षण करने वाले बेनीपुर एसडीपीओ उमेश्वर चौधरी (वर्तमान में डीएसपी पालीगंज टू) भी कार्रवाई के जद में आ गए हैं। विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए उन्हें शो कॉज नोटिस जारी किया गया है।
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