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    Darbhanga News: दरभंगा के परिवहन कार्यालय में बड़ी कार्रवाई, पूर्व DTO सहित 3 कर्मियों पर गिरी गाज; सामने आई बड़ी वजह

    Updated: Sat, 28 Dec 2024 09:14 PM (IST)

    जिला परिवहन कार्यालय में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के मामले में जिलाधिकारी राजीव रौशन ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने जिला परिवहन पदाधिकारी को दोषी अधिकारी और कर्मियों के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई फर्जी लाइसेंस बनाने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए की गई है जैसे कि मुंबई में 76 हजार फर्जी लाइसेंस बनाने का मामला सामने आया था।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, दरभंगा। जिला परिवहन कार्यालय में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी राजीव रौशन ने शनिवार को जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) को दोषी अधिकारी और कर्मियों के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई करने को कहा है।

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    अब तत्कालीन डीटीओ शशि शेखरन, तत्कालीन डाटा इंट्री आपरेटर रूपेश कुमार, प्रोग्रामर विक्रमजीत प्रताप और प्रभारी सहायक कुमार गौरव पर गाज गिरना तय है। डीटीओ के चार सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने यह आदेश दिया है।

    यह कार्रवाई दरभंगा डीटीओ द्वारा 13 अगस्त 2024 के तहत गठित जांच रिपोर्ट का परिणाम है। जांच समिति में अपर जिला परिवहन पदाधिकारी (एडीटीओ) स्नेहा अग्रवाल, मोटरयान निरीक्षक सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी और सतीश कुमार के अलावा प्रोग्रामर सोनी कुमारी शामिल थे।

    समिति ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन डीटीओ शशि शेखराम ने मधुबनी में बैठकर दरभंगा में ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए। इतना ही नहीं, एक ही लाइसेंस नंबर का इस्तेमाल कर बिहार, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड में अलग-अलग नाम, जन्मतिथि और पते के साथ फर्जी लाइसेंस जारी किए गए हैं।

    चौंकाने वाली बात यह है कि हिंदू को मुस्लिम और मुस्लिम को हिंदू दिखाकर पहचान बदली गई। इससे न केवल प्रशासनिक भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा भी पैदा हो गया है।

    राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा

    • यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है। फर्जी लाइसेंस का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों, नागरिकता, मानव तस्करी और अन्य गैरकानूनी कार्यों में हो सकता है।
    • यह न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। इस मामले में तत्काल उच्च स्तरीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है, ताकि दोषियों को कानूनी कठघरे में लाया जा सके और प्रशासनिक जिम्मेदारी तय की जा सके।

    पंचायत कार्यालय से गायब रहने वाले कर्मियों के विरुद्ध होगी कार्रवाई

    सिंघिया के सालेपुर पंचायत में शुक्रवार को ग्रामसभा की बैठक में पंचायत भवन में ताला बंद रहने और पंचायत कर्मियों के पंचायत से गायब रहने की मिली शिकायत के बाद बीडीओ विवेक रंजन ने संज्ञान में लेते हुए पंचायत के पंचायत सचिव समेत अन्य कर्मियों को लिखित आदेश देकर स्पष्टीकरण मांगा है।

    बीडीओ ने बताया कि बिना सूचना जो भी कर्मी अनुपस्थित पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा गया है।

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