प्रशासन के आदेशों की उड़ी धज्जियां, रामरेखा घाट मार्ग पर चलते रहे वाहन
बक्सर श्रावणी मेला पर उमड़ने वाली भीड़ का अनुमान करते हुए जिला प्रशासन द्वारा पहले ही संय
बक्सर : श्रावणी मेला पर उमड़ने वाली भीड़ का अनुमान करते हुए जिला प्रशासन द्वारा पहले ही संयुक्तादेश जारी किया गया था, जिसमें थाना चौक से रामरेखा घाट होते अलका सिनेमा तक किसी भी प्रकार के वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश जारी किया गया था। बावजूद इसके सोमवार की सुबह श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के समय भी प्रतिबंधित मार्ग पर न सिर्फ धड़ल्ले से दोपहिया चलते रहे बल्कि आटो और चार चक्का वाहन भी गुजरते रहे। हद तो तब हो गई जब मार्ग के बीच स्थित एमपी उच्च विद्यालय के गेट पर ही आटो चालकों ने अपना स्टैंड बना लिया था। दरअसल, दो साल पर लगने वाले श्रावणी मेला पर भीड़ उमड़ने का अनुमान लगाते हुए जिला प्रशासन द्वारा तीन दिन पहले ही जिलाधिकारी और एसपी ने अपने संयुक्तादेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि रविवार की शाम चार बजे से रात के दस बजे तक तथा सोमवार की सुबह चार बजे से दिन के दस बजे तक मुख्य रूप से रामरेखा घाट मार्ग पर किसी भी प्रकार के वाहनों के गुजरने पर रोक लगी रहेगी। इतना ही नहीं श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए प्रशासन द्वारा इस दौरान थाना चौक से लेकर अलका सिनेमा तक किसी भी वाहन के परिचालन को बंद करने का आदेश जारी किया गया था। इसके लिए थाना चौक समेत हर मोड़ पर पर्याप्त संख्या में बलों की तैनाती की गई थी। लेकिन, प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए धड़ल्ले से बाइक चालक अपनी बाइक लेकर रामरेखा घाट गेट तक पहुंचते रहे। इसके चलते मुख्य गेट के दोनों तरफ बाइकों की लम्बी कतार लग गई थी। इतना ही नहीं, इस दौरान ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने एमपी उच्च विद्यालय के गेट को ही अपना वाहन पड़ाव बना डाला था और वहीं से सवारियों को उठाने में मशगूल थे। हालांकि, थाना चौक पर मौजूद पुलिस बल के जवानों द्वारा एक भी वाहन को रामरेखा घाट मार्ग में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही थी, बावजूद इसके अन्य रास्तों से होते हुए दोपहिया वाहन मुख्य गेट तक पहुंचते रहे। जबकि, अलका सिनेमा की तरफ किसी पुलिस की तैनाती नहीं होने से उधर से ऑटो चालक अपने वाहन लेकर धड़ल्ले से पार होते रहे। इस दौरान वाहनों की लगातार आवाजाही से श्रद्धालु महिलाओं तथा उनके साथ मौजूद बच्चों को मंदिर तक जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।