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    बक्सर में लम्पी वायरस का कहर: चपेट में सैकड़ों मवेशी, टीकाकरण में लापरवाही का आरोप

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 10:12 PM (IST)

    बक्सर के सिमरी प्रखंड में लम्पी वायरस का प्रकोप जारी है जिससे सैकड़ों मवेशी प्रभावित हैं और कई की मौत हो चुकी है। पशुपालक परिवारों की आजीविका खतरे में है। ग्रामीणों का आरोप है कि पशुपालन विभाग टीकाकरण में लापरवाही बरत रहा है। बीडीओ ने जांच के आदेश दिए हैं वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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    सिमरी में लंपी वायरस से हो रही मवेशियों की मौत। सांकेतिक फोटो

    संवाद सहयोगी, सिमरी (बक्सर)। प्रखंड में लंपी वायरस ने हाहाकार मचा रखा है। इस घातक बीमारी ने सैकड़ों मवेशियों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिसमें कई की मौत हो चुकी है और कई गंभीर रूप से बीमार हैं।

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    यह स्थिति उन पशुपालक परिवारों के लिए भारी संकट बनकर सामने आई है, जिनकी आजीविका पूरी तरह मवेशियों पर निर्भर है। ग्रामीणों में आक्रोश है कि इतने गंभीर हालात के बावजूद स्थानीय पशुपालन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

    स्थानीय लोगों का आरोप है कि पशुपालन विभाग सिर्फ कागजों पर टीकाकरण दिखा रहा है, जबकि वास्तव में एक भी पंचायत में टीकाकरण नहीं हुआ। मवेशियों की लगातार हो रही मौतों ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है।

    ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारी इस संकट के प्रति पूरी तरह उदासीन हैं। प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) लोकेंद्र यादव ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पंचायतवार टीकाकरण की सूची मांगी थी, लेकिन भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी अब तक सूची उपलब्ध नहीं करा पाए।

    बीडीओ ने इसे गड़बड़ी का संकेत बताते हुए कहा कि समय सीमा बीतने के बाद भी सूची न देना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि इस मामले की पूरी जानकारी जिला पदाधिकारी को भेजी जाएगी, ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके।

    ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जिला प्रशासन ने जल्द ही कठोर कदम नहीं उठाए, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। मवेशियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा, जिससे पशुपालकों की आजीविका खतरे में पड़ गई है।

    ग्रामीणों ने मांग की है कि तत्काल टीकाकरण और इलाज की व्यवस्था की जाए, ताकि इस संकट से निजात मिल सके। पशुपालकों का कहना है कि अगर जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी।

    जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग की लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है।

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