Sawan 2025: 28, 29 या 30... इस बार कितने दिनों का सावन? सोमवारी व्रत को लेकर भी दूर करें कन्फ्यूजन
बक्सर में सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही रामेश्वर नाथ मंदिर में विशेष तैयारियां की गई हैं। मंदिर में 27 किलो चांदी से शिवलिंग का अरघा बनवाया गया है जिससे मंदिर का गर्भगृह बदला हुआ नजर आएगा। सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है और भक्त विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए उमड़ेंगे।

जागरण संवाददाता, बक्सर। शुक्रवार से भगवान शिव का प्रिय महीना सावन प्रारंभ हो रहा है। 30वें दिन यानी सावन की पूर्णिमा (नौ अगस्त, दिन शनिवार) को रक्षाबंधन का त्योहार है। इस बार सावन में कुल चार सोमवारी व्रत पड़ रहे हैं। पहला सोमवारी व्रत 14 को है। दूसरा सोमवारी व्रत 21 को, तीसरा 28 जुलाई को तथा चौथा व अंतिम चार अगस्त को है।
सावन के प्रारंभ होते ही शिवालयों में दर्शनार्थियों की भीड़ बढ़नी शुरू हो जाती है। इस बार दर्शनार्थियों को रामेश्वर नाथ मंदिर के गर्भगृह का लुक कुछ बदला-सा नजर आएगा।
जय भोले नाथ ग्रुप ने जन सहयोग से जहां लगभग 27 किलो चांदी से शिवलिंग का अरघा बनवाया है। अरघा पर काफी खूबसूरत नक्काशी की गई है। जिसकी ऊंचाई साढ़े बारह फिट है। चार बाई चार फिट का व्यास है। वहीं स्थल पर ग्रेनाइट पत्थर बिछवाए गए हैं।
संतोष वर्मा, बेचू सेठ, बंटी वर्मा, सतेंद्र वर्मा आदि ने बताया कि इसके लिए बनारस से कारीगर बुलाए गए थे। बता दें कि सावन प्रारंभ होते ही रामरेखाघाट पथ पर कावरियों का आवागमन शुरू हो जाता है। हालांकि पहले व दूसरी सोमवारी को श्रद्धालुओं की भीड़ विशेष नहीं रहती, लेकिन शिवरात्रि एवं तीसरी, चौथी सोमवारी पर जलभरी को पहुंचनेवाले श्रद्धालुओं की यहां आपार भीड़ उमड़ती है।
यहां से जलभरी कर कांवड़िये बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ, गुप्ताधाम, सोखा बाबा समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों स्थित शिवालयों में जल अर्पित करने को जाते हैं, परंतु शहर के रामेश्वर नाथ मंदिर, नाथ बाबा मंदिर, वामनेश्वर महादेव मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, पातालेश्वर महादेव मंदिर आदि में भी पूरे सावन जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ जुटती है।
इन मंदिरों के व्यवस्थापकों के अनुसार श्रद्धालुओं को पूजन दर्शन में किसी प्रकार की परेशानी न हो उसे देखते हुए सभी तैयारी पूरी कर ली गई है।
रामेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी विक्की बाबा ने कहा कि सावन में भगवान शिव की पूजा व्रत करना काफी फलदायी होता है, जो भी भक्त इस माह में भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करते हैं, उसके सभी मनोरथ पूरे होते हैं। सावन के महीने में शास्त्रों का अध्ययन करना, पवित्र ग्रंथों को सुनना अत्यंत शुभ एवं फलदायी है।
आचार्य कृष्णानंद शास्त्री "पौराणिक" ने कहा कि इस माह में धार्मिक कार्यों के करने से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है और मन व चित्त दोनों शांत रहते हैं। व्रत पूजन में विधि और अनुशासन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अतः श्रद्धालुओं को चाहिए कि वो ऐसा कोई कार्य न करें जो समाज के हित में न हो।
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