Bihar Politics: कैलाशपति मिश्र की पुत्रवधू ने जताई पीड़ा, ब्रह्मपुर सीट पर दावेदारी छोड़ने से भाजपाई मायूस
बिहार में टिकट बंटवारे के साथ ही राजनीतिक दलों में असंतोष उभर रहा है। ब्रह्मपुर सीट पर भाजपा कार्यकर्ताओं की निराशा सोशल मीडिया पर दिख रही है। पूर्व विधायक दिलमणि मिश्रा ने पार्टी नेतृत्व पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाया है। अन्य नेताओं ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी के भीतर की कलह को उजागर किया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी में अब कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है।

पूर्व विधायक दिलमणि देवी
जागरण संवाददाता, बक्सर। जैसे-जैसे टिकट बंटवारे का पेच सुलझ रहा है, वैसे-वैसे पार्टियों में असंतोष भी पनप रहा है। असंतोष उन कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच है, जो मेहनत किसी और चीज के लिए कर रहे थे और परिणाम कुछ और निकल गया। फिलहाल सबसे अधिक दिलचस्प मामला ब्रह्मपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से सामने आ रहा है।
ब्रह्मपुर की राजनीति से जुड़े हुए या यहां की राजनीति में रुचि रखने वाले भाजपा के कई बड़े नेताओं ने फेसबुक पर अपनी भावना व्यक्त करनी शुरू कर दी है। ब्रह्मपुर से भाजपा की विधायक रहीं दिलमणि देवी उर्फ दिलमणि मिश्रा ने लिखा है कि पार्टी के बड़े नेताओं ने बड़े ही सौहार्दपूर्ण माहौल में सीटों का बंटवारा कर लिया, किंतु कार्यकर्ताओं का सौहार्द बिगाड़ दिया।
उन्होंने एक और पोस्ट में दुख जताया है कि भाजपा अब पहले जैसी नहीं रही। वह बिहार में भाजपा के भीष्म पितामह रहे कैलाशपति मिश्र की पुत्रवधू हैं। उन्होंने लिखा है कि एक समय तक राजद का जयकारा लगाने वाले लोगों ने भाजपा को बंधक बना लिया है। कार्यकर्ताओं को आगे आकर इसे ठीक करना होगा।
भाजपा के प्रदेश सचिव संतोष रंजन राय ने चंद पंक्तियां फेसबुक पर लिखी हैं, लेकिन उन पंक्तियों के नीचे भाजपा के कई नेताओं के कमेंट सारी कहानी खुद कह रहे हैं। उन्होंने सीट बंटवारा पर गिरिराज सिंह की नाराजगी की बात शेयर की है।
साथ ही एक अन्य पोस्ट में लिखा है- सर्वे गया तेल लेने। भाजपा के पूर्णकालिक कार्यकर्ता अमरेंद्र पांडेय ने इस पर कमेंट किया है- समरथ के नहीं दोष गोसाईं। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रंजन तिवारी ने लिखा है- भाजपा अपने कार्यकर्ताओं से संगठन का विस्तार कराने के लिए सर्वे का शोर मचाती है।
प्रदेश के नेता ने साझा किया दीनदयाल उपाध्याय का वक्तव्य
ब्रह्मपुर सीट से दावेदार रहे भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के नेता सत्य प्रकाश तिवारी ने मैथिली शरण गुप्त की कविता पोस्ट की है - अधिकार खोकर बैठना, यह महादुष्कर्म है। न्यायार्थ अपने बंधु को भी दंड देना धर्म है। उन्होंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय का एक कथन भी पोस्ट किया है कि अच्छे दल ने अगर बुरा प्रत्याशी दे दिया है, तो मतदाता का दायित्व इसे सुधारना है।
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