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    Vivah Muhurat 2025: 14 अप्रैल से होगी शादियों के सीजन की शुरुआत, अप्रैल से जून तक केवल इतने शुभ मुहूर्त

    Updated: Sun, 13 Apr 2025 01:13 PM (IST)

    खरमास के खत्म होते ही आरा में सतुआन पर्व मनाया जाएगा और विवाह का मौसम शुरू हो जाएगा। इस वर्ष वैशाख और जेठ में शादी के मुहूर्त हैं लेकिन आषाढ़ में नहीं। अप्रैल मई और जून महीने में 33 मुहूर्त हैं। 11 जून से गुरु अस्त हो जाएंगे जिससे मांगलिक कार्य रुक जाएंगे। एक नवंबर को देवोत्थान एकादशी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

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    14 अप्रैल से होगी मांगलिक कार्य की शुरुआत

    संवाद सूत्र, उदवंतनगर (आरा)। खरमास समाप्त होते ही सोमवार से लगन की शहनाई बज उठेगी। शादी विवाह सहित सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। स्थानीय बाजार लगन की ओर टकटकी लगाए देख रहा है।

    स वर्ष वैशाख व जेठ महीने में लग्न है, लेकिन आषाढ़ मास में एक भी शादी विवाह का मुहूर्त नहीं है। गर्मी में शादी विवाह के कुल 33 लग्न मुहूर्त हैं, लेकिन मृत्यु वाण, भद्रा आदि से परहेज जरूरी माना जाता है।

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    शुभ कार्यों पर विराम

    11 जून से गुरू पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएंगे। उसके बाद मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। नतीजतन इस वर्ष जुलाई महीने में शहनाई पर रोक रहेगी। वहीं, आज 14 अप्रैल को सतुआन पर्व (Satuani Date 2025) मनाया जाएगा।

    पंडितों की राय

    छह जुलाई को भगवान श्री हरि योग निद्रा में चले जाएंगे। पूरे चार महीने तक फिर से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। पंडित विवेकानंद पांडेय, पंडित विश्वनाथ तिवारी जैसे विद्वान पंडितों ने बताया कि 14 अप्रैल से खरमास समाप्त होते ही शादी विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

    देवोत्थान एकादशी से शुरुआत

    अप्रैल में 13, मई में 12 तथा जून महीने में आठ विवाह मुहूर्त हैं। आठ जून के बाद गुरु वृद्धत्व को प्राप्त करेंगे और 11 जून को गुरु पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएंगे तथा सात जुलाई को पूर्व दिशा में उदय लेंगे।

    वहीं, छह जुलाई को श्रीहरि विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। उस दिन से सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। एक नवंबर को देवोत्थान एकादशी के दिन श्रीहरि योग निद्रा से बाहर आएंगे और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

    लग्न के मौसम में नए नोटों की बढ़ जाती है मांग

    शादी विवाह का सीजन शुरू होते ही नए नोटों की मारामारी शुरू हो जाती है। लोग अपनी खुशियों में नए नोटों का लेन-देन करना चाहते हैं। सबसे अधिक डिमांड 10 और 20 के नोटों की होती है। मांग बढ़ने पर करेंसी ढूंढे नहीं मिलती है, जिसकी वजह से लोग परेशान होते हैं।

    उदवंतनगर के भोला सिंह ने बताया कि लग्न शुरू होने वाला है। 10 और 20 के पुराने नोटों पर भी आफत है। करेंसी नोटों को लेकर बैंकों ने हाथ खड़ा कर दिए हैं।

    हैरत की बात है कि अधिक कीमत पर कालाबाजारी में नए नोट आसानी से मिल जाते हैं। इसका फायदा बिचौलिए उठाते हैं। दस के नोट की गड्डी जहां 12 सौ तथा 20 के नोटों की गड्डी 22 सौ रूपये में आसानी से मिल जाती है। 

    सतुआन में सत्तू के साथ खाएं आम की चटनी

    इस वर्ष 14 अप्रैल को सतुआन पर्व मनाया जाएगा। जब सूर्य मीन राशि से मकर राशि पर आता है तो सत्तू संक्रांति मनाया जाता है। सतुआन पर्व रबी फसल होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदी सरोवरों आदि में स्नान करते हैं तथा दान पुण्य करते हैं।

    सतुआन का महत्व

    इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। लोग घरों में कुलदेवता को जौ का सत्तू, गुड़ व कच्चा आम प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। जौ का सत्तू, घी, गुड़, दूध से बने लड्डू (घेवड़ा) खाया जाता है। लोग चने का सत्तू व आम की चटनी भी खाते हैं।

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