Jobs in Bihar: बिहार के लोगों की बल्ले-बल्ले, NH किनारे होगी रोजगार की भरमार; पढ़ लीजिए सरकार की प्लानिंग
बिहार के गांवों में स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग मिथिला हाट की तर्ज पर राज्य क सभी नेशनल हाइवे के किनारे हाट विकसित करेगा। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा स्थानीय किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक बड़ा बाजार मिलेगा और भोजपुरी संस्कृति और लोक कलाओं का प्रचार-प्रसार होगा। इसके लिए सभी डीएम से रिपोर्ट मांगी गई है।

धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। Bihar News: सूबे के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग मिथिला हाट की तर्ज पर राज्य के सभी नेशनल हाइवे (एनएच) के किनारे हाट विकसित करेगा। इसके लिए विभाग ने सभी जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर हाईवे के किनारे स्थित आहर-पोखर-झील के आसपास होने वाली ऐसी जमीन की सूची मांगी है, जहां सुलभ परिवहन सुविधा के कारण उसे आसानी से हाट के रूप में विकसित किया जा सके।
इससे एक तरफ जहां लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं स्थानीय किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक बड़ा बाजार भी मिल जाएगा। दूसरी तरफ भोजपुरी समेत अन्य स्थानीय संस्कृति और लोक कलाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार होने के साथ-साथ कलाकारों को भी अपना हुनर दिखाने के साथ रोजगार मिलेगा।
इससे लोकल स्तर पर रोजगार के नए-नए अवसर मिलने के कारण एक साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष ढंग से सैकड़ों लोग रोजगार से जुड़ सकेंगे।
इसे लेकर पर्यटन विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने भोजपुर समेत राज्य के सभी डीएम को पत्र लिखते हुए 15 दिनों के अंदर जमीन का चयन कर उसका पूरा रिकार्ड मांगा है। जमीन चयन करने के लिए कम से कम पहले से वहां पांच एकड़ जमीन रहने के साथ-साथ पर्यटकीय संरचनाओं के विकास के लिए 10 एकड़ जमीन की जरूरत बताई गई है।
सभी डीएम से मांगी गई रिपोर्ट में तालाब-सरोवर-झील का नाम, आकार, जिले-प्रखंड का नाम, रकबा, उस जमीन का मालिकाना हक किसके पास है, पर्यटकीय विकास की कौन-कौन सी संभावनाएं हैं तथा अतिरिक्त भू अर्जन की आवश्यकता है या नहीं, यदि है तो कितने जमीन की संबंधी सभी रिपोर्ट मांगी गई हैं।
जानिए-कहां और कैसा है दिल्ली हाट की तर्ज पर बना मिथिला हाट
बिहार के मधुबनी जिला स्थित झंझारपुर के अररिया संग्राम गांव में हाईटेक मिथिला हाट बनाया गया है। इसे देश की राजधानी दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसीत किया गया है। मिथिला हाट में 50 आधुनिक दुकानें बनाई गई है।
इसके साथ ही फूड कोर्ट, ओपन एयर थिएटर, प्रशासनिक भवन, मल्टी परपस हाल, डोरमेट्री, झरना, पार्किंग एरिया को काफी खूबसूरत ढ़ंग से बनाए जाने के साथ शानदार लाइट की आकर्षक व्यवस्थाएं की गई है।
वहीं, तालाब में राज्य और देश स्तर से आने वाले पर्यटकों को लुभाने के लिए हाइटेक वोटिंग की भी व्यवस्थाएं है। नए क्षेत्रों में हाट बनने से ये सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
भोजपुरी कला व कलाकारों को मिलेगा नया गेटवे
भोजपुरी संस्कृति और कला को इस हाट के द्वारा विकास करने के लिए एक नया गेटवे मिल जाएगा। इस बाजार में भोजपुरी कलाकारों के द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार की पेंटिंग और कलाकृतियों को मिथिला पेंटिंग की तरह विकसित करने का नए अवसर मिलेगा। नई बाजार मिलने से यहां के कलाकार अपनी संस्कृति का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार और व्यापार कर सकते हैं।
जिले में नेशनल और स्टेट हाइवे के किनारे कई हाट खुलने की है अपार संभावनाएं
भोजपुर जिले में एक तरफ जहां दो नेशनल हाईवे आरा-बक्सर और आरा-मोहनिया हैं, वहीं आरा-अरवल, आरा-सासाराम, आरा-छपरा, सकड्डी-नासरीगंज समेत कई स्टेट हाईवे भी हैं। इन सभी हाईवे के किनारे कई हाट के खुलने की असीम संभावनाएं हैं।
सभी एसडीओ से एक सप्ताह में मांगी गई रिपोर्ट
पर्यटन विभाग से आदेश आने के बाद जिले के संबंधित तीनों एसडीओ से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है। जमीन चिन्हित करने के दौरान बेलाउर सूर्य मंदिर, तरारी का देव सुर्य मन्दिर और बाखोरापुर काली मंदिर के विकास को देखते हुए भी रिपोर्ट मांगी गई है। तनय सुल्तानिया, डीएम भोजपुर
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