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    Sand Mining: भोजपुर में बिना धर्मकांटा लाइसेंस के चल रहे 40% बालू घाट, नीतीश सरकार को लग रही चपत

    Updated: Wed, 23 Apr 2025 07:57 PM (IST)

    भोजपुर जिले में लगभग 40% बालू घाट अवैध रूप से चल रहे हैं क्योंकि उनके पास धर्म कांटा लाइसेंस नहीं है। मापतौल विभाग को इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है और मशीनों की जाँच न होने से बालू का अधिक परिवहन हो रहा है। विभाग ने ठेकेदारों को नोटिस भेजा है लेकिन अभी तक लाइसेंस नहीं लिया गया है।

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    भोजपुर में बिना धर्मकांटा लाइसेंस के चल रहे 40% बालू घाट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। भोजपुर जिले में इन दिनों बालू घाट ठेकेदारों की मनमानी काफी बढ़ गई है। जिले में अवैध ढंग से नियमों को दरकिनार कर वे बालू घाटों का संचालन कर रहे हैं। ताजा मामला मापतौल विभाग से जुड़ा हुआ है। जिले में लगभग 43 बालू घाट से बालू का खनन हो रहा है, जिन पर लगभग 80 से लेकर 120 धर्मकांटा लगे हुए हैं।

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    कई बालू घाटों पर दो तो कई बालू घाटों पर दो से लेकर 4-5 तक धर्मकांटा लगे हुए हैं। बालू का वजन करने के लिए धर्मकांटा लगा है यह तो खनन के नियमानुसार सही है, परंतु धर्मकांटा लगाने का लाइसेंस और इसकी जांच पड़ताल करने की जिम्मेदारी मापतौल विभाग की है।

    जिले में 43 बालू घाटों में से 29 बालू घाटों के ठेकेदारों ने मापतौल विभाग से लाइसेंस ले लिया है, परंतु 14 बालू घाटों ने अब तक मापतौल विभाग से धर्मकांटा का लाइसेंस नहीं लिया है। इसका लाइसेंस नहीं लेने से एक तरफ जहां मापतौल विभाग को राजस्व नहीं मिल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ मशीन की सही ढंग से जांच नहीं होने के कारण ज्यादा मात्रा में बालू का परिवहन हो रहा है।

    इन दोनों विकट स्थितियों के कारण मापतौल और खनन विभाग को प्रतिमाह लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। ऐसा नहीं है कि मापतौल विभाग ने इसके लिए प्रयास नहीं किया, परंतु इसके बाद भी मनमाने ढंग से बालू घाट चला रहे ठेकेदारों के द्वारा अब तक लाइसेंस नहीं लिया गया है।

    इस संबंध में मापतौल विभाग के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में खनन विभाग को एक बार फिर से पत्र भेज कर सभी से लाइसेंस बनवाने के लिए नोटिस भेजा गया है। ऐसा नहीं करने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    इन बालू घाट के ठेकेदारों ने मापतौल विभाग से लिया है धर्मकांटा का लाइसेंस

    भोजपुर जिले में इन दिनों 43 बालू घाट संचालित हैं। इनमें से 29 बालू घाट ठेकेदार के द्वारा लाइसेंस लिया गया है उनमें नौ ए, नौ बी, 11ए, 11बी, 12, 14ए व बी, 15बी, 18ए, बी व सी, 24ए व बी, 25 ए, बी और सी, 26ए, 32ए व बी, 34सी व डी, 36ए, 38ए, बी, सी व डी, 41ए और 43 बी समेत 29 घाट शामिल है। इसके अलावे जो भी अन्य 14 घाट चल रहें हैं इन सभी ने लाइसेंस नहीं लिया है।

    65 हजार रुपये है धर्मकांटा लाइसेंस शुल्क

    मापतौल के विभागीय नियमानुसार, धर्मकांटा का लाइसेंस लेने के लिए मापतौल विभाग को 65 हजार लाइसेंस शुल्क के रूप में जमा करना पड़ता है। इस तरह से जिले में अभी 40 से ज्यादा धर्मकांटा लगे हुए हैं जो बगैर लाइसेंस के चल रहे हैं। इससे मापतौल विभाग को प्रतिमाह लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

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