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    महिलाएं ध्यान दें! पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द हो और भूख ना लगे तो डॉक्टर को दिखाएं, बांझ बना सकती है ये बीमारी

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 07:20 PM (IST)

    टीबी एक खतरनाक बीमारी है। महिलाओं में होने वाली टीबी की बीमारी ट्यूबरकुलोसिस गर्भाशय पर काफी बुरा असर डालती है जो जिले में तेजी से बढ़ रहा है। इसके कारण महिलाएं बांझपन की शिकार भी हो जाती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक गर्भवती महिलाओं में टीबी खतरनाक है। गर्भवती के टीबी का इलाज नहीं होने से शिशु को भी टीबी की संभावना रहती है।

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    टीबी के लक्षण दिखने पर कराएं जांच। (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, आरा। आमतौर पर लोगों को लगता है कि टीबी सिर्फ फेफड़ों की बीमारी है, लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि टीबी एक ऐसी बीमारी है, जो फेफड़ों से लेकर दिमाग और यूटरस आदि में भी आसानी से हो सकती है।

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    महिलाओं में होने वाली टीबी की बीमारी यानी ट्यूबरकुलोसिस गर्भाशय पर काफी बुरा असर डालती है, जो जिले में तेजी से बढ़ रहा है।

    इसके कारण महिलाएं बांझपन की शिकार भी हो जाती हैं। माइको बैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नाम के बैक्टीरिया के कारण होने वाला यह रोग फेफड़ों को अधिक प्रभावित करता है।

    जिले में बीते कुछ दिनों से बदल रहे मौसम की वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. ए अहमद ने स्वस्थ्य रहने के उपाय बताए और सलाह दी है। उनका यह भी कहना है कि महिलाओं में टीबी संक्रमण के मामले बढ़े हैं।

    विशेषकर गर्भावस्था में टीबी एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसके बारे में जरूरी जानकारी रखी जानी चाहिए। अगर किसी महिला को टीबी है और वह गर्भवती है तो उसका सही समय पर निदान आवश्यक है।

    सही इलाज से गर्भवती महिला व शिशु को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। यदि सही समय पर इसका इलाज नहीं हुआ तो भविष्य में उन्हें और भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

    बीमारी को न करें नजरअंदाज

    चिकित्सकों के अनुसार अगर लड़की शादीशुदा हैं और पीरियड में किसी भी तरह की दिक्कत हो रही है, वेजाइनल डिस्चार्ज भी ज्यादा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    किसी भी तरह के टीबी की शिकार महिलाओं के यूटरस में टीबी होने की आशंका 30 प्रतिशत बढ़ जाती है। 5-10 प्रतिशत महिलाओं में हाइड्रो साल्पिंगिटिस की समस्या होती है, जिसमें फैलोपियन ट्यूब में पानी भर जाता है।

    यह भी इन्फर्टिलिटी की वजह बनता है। टीबी बैक्टीरिया मुख्य रूप से फैलोपियन ट्यूब को बंद कर देता है, जिससे पीरियड्स रेगुलर नहीं आते। महिला में पेट के निचले हिस्से में बहुत दर्द होता है और महिला गर्भधारण नहीं कर पाती।

    लक्षण दिखने पर जांच आवश्यक

    गर्भवती के टीबी संक्रमित होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें घर में टीबी के किसी अन्य व्यक्ति के लगातार संपर्क में आने, टीबी संक्रमित क्षेत्र में रहने, एचआईवी होने, कुपोषित तथा बहुत अधिक वजन कम होने, शराब व मादक पदार्थ जैसे सिगरेट, गुटखा सेवन शामिल हैं।

    टीबी के कुछ ऐसे लक्षण आमतौर पर जाहिर होते हैं, जिसके दिखने पर टीबी जांच आवश्यक है। इनमें एक सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहना, तेज बुखार रहना, भूख की कमी, बहुत अधिक थकान तथा लंबे समय तक अस्वस्थ रहना, बलगम में खून आना तथा गर्दन की ग्रंथियों में सूजन व दर्द रहना प्रमुख है।

    ट्यूबरकूलीन स्कीन टेस्ट तथा टीबी ब्लड टेस्ट दोनों सुरक्षित

    सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक गर्भवती महिलाओं में टीबी खतरनाक है। गर्भावस्था में टीबी का इलाज जटिल होता है लेकिन इसका इलाज नहीं किए जाने पर यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक होता है।

    गर्भावस्था में ट्यूबरकूलीन स्कीन टेस्ट तथा टीबी ब्लड टेस्ट दोनों सुरक्षित हैं। इसके अलावा बलगम की जांच और फेफड़ों का एक्सरे किया जाता है।

    गर्भवती महिलाओं में टीबी का सही समय पर पता चल जाने से इलाज संभव है। गर्भवती के टीबी का इलाज नहीं होने से शिशु को भी टीबी की संभावना रहती है।

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