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    Balu Mafia: आरा में 8 बालू माफियाओं की पहली सूची तैयार, जब्त होगी संपत्ति; आ गया ऊपर से ऑर्डर

    Updated: Sun, 29 Dec 2024 05:50 PM (IST)

    Bihar News नए साल से पहले बिहार में कुख्यात अपराधियों और बालू माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। भोजपुर जिले में आठ बालू माफियाओं समेत अपराधियों को चिह्नित कर पहली सूची तैयार की गई है। अपराधियों की संपत्ति जब्ती संबंधी प्रस्ताव से पूर्व खरीदी गई संपत्ति से लेकर आयकर रिटर्न की जांच कराई जा रही है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, आरा। डीजीपी विनय कुमार के निर्देश के बाद कुख्यात अपराधियों एवं बालू माफियाओं की संपत्ति जब्त करने को लेकर कवायद शुरू हो गई है। भोजपुर जिले में आठ बालू माफियाओं समेत अपराधियों को चिह्नित कर पहली सूची तैयार कर ली गई है।

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    अपराधियों की संपत्ति जब्ती संबंधी प्रस्ताव से पूर्व खरीदी गई संपत्ति से लेकर आयकर रिर्टन की जांच करायी जा रही है। अवैध कमाई का ठोंस साक्ष्य पाए जाने के बाद पुलिस भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 107 के तहत संपत्ति जब्ती के लिए कोर्ट में प्रस्ताव समर्पित किया जाएगा। खासकर उन अपराधियों व माफियाओं के विरुद्ध यह कार्रवाई की जाएगी, जिनके विरुद्ध कांड अनुसंधान अन्तर्गत है।

    विभागीय सूत्रों की मानें तो पहली सूची में कोईलवर क्षेत्र से बालू माफिया अमरेश राय उर्फ विदेशी राय, सोनू खान, गुड्डू राय तथा सत्येन्द्र पांडेय गैंग समेत छह तथा दो अन्य नाम अन्य थाने से जुड़े अपराधियों व माफियाओं का बताया जा रहा है।

    गाैरतलब है कि नए डीजीपी ने योगदान देने के साथ ही हर थाने से दो अपराधियों की सूची तैयार कर प्रस्ताव समर्पित किए जाने का निर्देश दिया है। प्रस्ताव के लिए 31 जनवरी 2025 तक की तिथि निर्धारित की गई है।

    एक जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू नए आपराधिक कानूनों नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 में धारा-107 को जोड़ा गया है, जो आपराधिक क्रियाकलाप से संबंधित या अर्जित सम्पत्ति के अधिग्रहण या कुर्की को लेकर मत स्पष्ट कर देता है।

    बीएनएसएस-2023 की यह धारा यह व्यवस्था की गई है कि अनुसंधान पदाधिकारी को अनुसंधान के दौरान विश्वसनीय रूप से यह तथ्य संज्ञान में आने पर कि अपराधी ने आपराधिक कृत्य के माध्यम से उपरोक्त सम्पत्ति अर्जित की है, उसके विरुद्ध प्रस्ताव समर्पित कर सकते है।

    आय के स्रोत, आयकर रिटर्न की भी होगी पड़ताल

    अनुसंधान करने वाले दारोगा या इंस्पेक्टर को कोर्ट में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करने से पहले यह जानना होगा कि अपराधी की सम्पत्ति अपराध की आय से किस प्रकार जुड़ी हुई है।

    इसके लिए आइओ आरोपित के आय के स्रोत, आयकर रिटर्न, खरीदी गई सम्पत्ति के भुगतान के तरीके आदि का सूक्ष्मता से परीक्षण करेंगे इसके अलावा आइओ द्वारा प्रस्तुत प्रार्थनापत्र के आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपित को कारण बताओ नोटिस निर्गत किया जाएगा।

    यदि आइओ द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में वर्णित संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति द्वारा धारित बताई गई है, तो नोटिस की प्रति उस व्यक्ति को भी तामील की जाएगी।

    जानें, किस तरह के कांडों में कैसे होगी कार्रवाई

    • वैसे कांड जो अनुसंधान अन्तर्गत है, उन कांंडों में आरोपित की संपत्ति की जांच कराए जाने का प्रविधान है।
    • आरोपित द्वारा खरीदी गई संपत्ति एवं आय का मिलान किया जाएगा।
    • आयकर रिर्टन की जांच की जाएगी, आरटीआई के माध्यम से जानकारी एकत्रित की जाएगी
    • अगर अपराधी ने अपने किसी रिश्तेदार के नाम पर संपत्ति व गाड़ी खरीदी है, तो रिश्तेदार के भी आय की जांच की जाएगी।
    • आय के स्त्रोतों का भी पता लगाया जाएगा, जिससे की अवैध कमाई का पता चल सके।

    डीजीपी के निर्देश से सभी थानाध्यक्षों समेत अन्य पुलिस अफसरों को अवगत करा दिया गया है। अवैध कमाई से संपत्ति अर्जित करने वाले अपराधियों को चिह्नित करने की कवायद शुरू कर दी गई है।-राज, एसपी ,भोजपुर

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