Bihar News: निर्माण के साथ राजनीतिक गठजोड़ को भी मजबूत बनाता है 'बालू', बड़े-बड़े नेता हो गए मालामाल
बिहार की राजनीति में वाम दलों को छोड़ दें तो बीजेपी राजद सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का नाम बालू के कारोबार में सामने आ चुका है। हाल ही में लोजपा (रा) के प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय के ठिकानों पर ED ने छापा मारा। इससे पहले राजद नेता सुभाष यादव पर भी ED एक्शन ले चुकी है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की राजनीति में बालू ऐसा विषय है, जिसके बारे में विचार करते समय दलीय सीमाएं टूट जाती हैं। वाम दलों को छोड़ दें तो चुनावों में जीत हासिल करने वाली कोई ऐसी पार्टी नहीं है, जिसके नेता बालू के प्रयत्क्ष कारोबार से नहीं जुड़े हों।
यह जुड़ाव दलों के दस्तावेजों में लिखित रूप में भले ही दर्ज न हो, लेकिन ED और आयकर जैसी केंद्रीय एजेंसियों के रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है।
एनडीए के घटक लोजपा (रा) के प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय के ठिकानों पर शुक्रवार को ED का छापा पड़ा। इससे पहले राजद के सुभाष यादव, अरुण यादव, भाजपा के जीवन कुमार और जदयू के राधाचरण सेठ बालू के सिलसिले में ED या आयकर अथवा दोनों एजेंसियों के जांच के दायरे में आ चुके हैं।
इन दोनों एजेंसियों से बचे नेता-कार्यकर्ता बालू से जुड़े मुकदमों में अभियुक्त बनाए गए हैं। अवैध बालू खनन के मामले में दर्ज मामलों की संख्या पांच हजार से अधिक होगी।
ED और आयकर विभाग ने इन नेताओं पर लिया एक्शन
- बालू कारोबार से जुड़े सुभाष यादव राजद के प्रिय हैं। बार-बार हार के बावजूद उन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार बनाया जाता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में हार के साल भर के भीतर ही उन्हें झारखंड के कोडरमा से राजद उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। संभव है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें एक और अवसर दिया जाए।
- भोजपुर के कई और राजद नेता बालू के सिलसिले में जेल की यात्रा करते रहते हैं। इन सब पर भी ED और आयकर के छापे पड़ चुके हैं। स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार से जदयू के विधान परिषद सदस्य राधाचरण सेठ अपने पुत्र के साथ जेल की यात्रा कर चुके हैं। इन पर भी इडी और आयकर की बराबर नजर रहती है।
- भाजपा कोटे से जनक राम 2020 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में खनन मंत्री थे। उस समय उनके ओएसडी मृत्युंजय कुमार उनके भाई धनंजय कुमार और आप्त सचिव से जुड़ी एक महिला के ठिकानों पर नवंबर 2021 में विजिलेंस का छापा पड़ा था। इसमें लाखों की नकदी मिली थी। माना गया कि मंत्री के ओएसडी ने बालू के अवैध कारोबारियों से मोटी कमाई की थी।
- अप्रैल 2023 में जदयू के तत्कालीन प्रवक्ता मंजीत कुमार सिंह ने जनक राम पर सीधा आरोप लगाया था। हालांकि, अब समीकरण बदल गए हैं। नीतीश की सरकार में भाजपा शामिल है। जदयू के प्रवक्ता भाजपा पर आरोप नहीं लगा रहे हैं। जनक राम भी अभी नीतीश सरकार में अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री हैं।
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